बैतूल की इकलौती महिला कुली दुर्गा की हुई शादी

BETUL. 14 साल से बैतूल रेलवे स्टेशन पर नारी शक्ति की मिशाल रही लोगों की बोझ उठाने वाली महिला कुली दुर्गा वैवाहिक बंधन में बंध गयी है. स्टेशन परिसर  में आयोजित उसके हल्दी-मेहंदी की रश्म में आरपीएफ व समाजसेवी शामिल हुए. दुर्गा की शादी का पूरा खर्च भी इन लोगों ने मिलकर उठाया और बैतूल रेलवे स्टेशन पर सभी रश्में पूरी की गयी. आरपीएफ के अधिकारी व जवानों ने सामाजिक व नैतिकता को जो उदाहरण पेश किया वह नायाब रहा है.

बैतूल आरपीएफ में एएसआई फराह खान की पहल पर दुर्गा के लिए शुरू हुई वर की तलाश आठनेर निवासी सुरेश पर जाकर ठहर गयी. इस मौके पर पूरा आरपीएफ स्टाफ बाराती बने. बड़ी बहन की एक बेटी (भांजी) की जिम्मेदारी को लेकर दुर्गा ने अविवाहित रहने का संकल्प लिया था. दुर्गा को काफी संघर्ष के बाद पिता की नौकरी मिली थी. उसने पूरी मेहनत से कुली का काम किया और एक नारी शक्ति की पहचान बनकर उभरी थी.

माता-पिता और बड़ी बहन की मौत के बाद नागपुर रेल मंडल की बैतूल में एकमात्र महिला कुली दुर्गा की शादी बड़े ही अनोखे अंदाज में पूरी की गयी. दुर्गा की शादी बैतूल आरपीएफ, समाजसेवी, व्यापारी और जनप्रतिनिधियों ने मिलकर की है. रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में हल्दी और मेहंदी की रस्म की गई, जिसमें सांसद दुर्गा दास उइके शामिल हुए और दुर्गा को आशीर्वाद दिया.