बिरयानी लाने वाले छात्र का दूसरे स्कूल में होगा एडमिशन: छह महीने की बकाया 37 हजार फीस भी होगी माफ, DIOS बोले- परिजन नहीं चाहते कोई कार्रवाई – Amroha News

अमरोहा में हिल्टन कॉन्वेंट स्कूल में नॉनवेज लेकर जाने वाले बच्चे का विवाद के बाद अब दूसरे स्कूल में एडमिशन कराया जाएगा। इसी स्कूल में उसके दो भाई भी पढ़ेंगे। वहीं, हिल्टन स्कूल में बच्चे की बकाया छह महीने की 37 हजार रुपए फीस भी हिल्टन स्कूल ने माफ कर

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साथ ही बकाया छह महीने की फीस भी माफ करने के लिए कहा था। डीआईओएस ने सभी मांगें मान लीं। एडमिशन समेत छह महीने की फीस माफ कर दी गई है। डीआईओएस ने अपनी जांच में महिला के आरोपों को गलत बताया। हालांकि, उन्होंने ये माना कि प्रिंसिपल ने गलत तरीके से बात की थी।

पीड़ित बच्चा सदमे में है। वह स्कूल नहीं जाने की बात कह रहा है।

अब जानिए पूरा मामला…

टिफिन में बच्चा लेकर आया था बिरयानी नगर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति कानपुर में प्राइवेट जॉब करते हैं। उनका 7 साल का बच्चा जोया रोड स्थित हिल्टन कॉन्वेंट स्कूल में कक्षा-3 का छात्र है। एक हफ्ते पहले वह अपने टिफिन में बिरयानी लेकर गया था। आरोप है, लंच टाइम में खाने लगा तो टीचर्स ने विरोध किया। मामला प्रिंसिपल तक पहुंचा। उन्होंने बच्चे को खूब फटकारा और उसे स्टोर रूम में बंद कर दिया। डरा-सहमा बच्चा रोता रहा, लेकिन किसी ने उसे बाहर नहीं निकाला।

दोपहर में छुट्‌टी होने पर बच्चे को बाहर निकाला गया। प्रिंसिपल ने बच्चे का स्कूल से नाम काट दिया। यह कहते हुए घर भेजा कि अब स्कूल न आना। बच्चे ने घर जाकर ये बात अपनी मां को बताई। गुरुवार को बच्चे की मां शिकायत लेकर स्कूल पहुंची।

छात्र की मां का आरोप है कि उनके बेटे को प्रिंसिपल ने आतंकी कहा।

छात्र की मां का आरोप है कि उनके बेटे को प्रिंसिपल ने आतंकी कहा।

प्रधानाचार्य और छात्र की मां में हुई नोकझोंक प्रधानाचार्य और छात्र की मां के बीच जमकर नोकझोंक हुई। मां ने बेटे को बंधक बनाने और उसकी पिटाई करने का आरोप लगाया। साथ ही नाम भी काटने का आरोप लगाया था। प्रकरण को लेकर डीआईओएस की ओर से जांच के लिए एक तीन सदस्यीय टीम गठित की गई थी।

राजनीतिक दलों ने उठाया था मुद्दा वहीं सपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने विरोध जताया था। मुस्लिम कमेटी ने भी प्रधानाचार्य पर कार्रवाई की मांग को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा था। उधर, डीआईओएस की तीन सदस्यीय टीम ने जांच के बाद छात्र की मां के सभी आरोपों को गलत बताया था।

प्रिंसिपल को गलत बयानबाजी का दोषी माना हिल्टन स्कूल में पढ़ने वाले उनके तीन बच्चों की छह महीने की फीस बकाया बताई थी। हालांकि, प्रधानाचार्य को गलत तरीके से बात करने का दोषी माना था। इसके बाद बच्चे की मां ने अपने बच्चों का दूसरे स्कूल में दाखिला कराने और फीस माफी की मांग उठाई थी।

बच्चे के परिजन अब इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहते डीआईओएस विष्णु प्रताप सिंह ने परिजनों से बातचीत की। उनकी अधिकारियों, स्कूल प्रबंधन के सामने सभी मांगे मानीं। अब बच्चे दूसरे निजी स्कूल में पढ़ेंगे। साथ ही हिल्टन स्कूल में बकाया उनकी छह माह की फीस को माफ किया गया है। साथ ही स्कूल प्रबंधन ने इस घटना में खेद जताया। उधर, बच्चे के परिजनों ने भी अब इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं चाहते। प्रशासन की इस कार्रवाई से संतुष्ट होने की बात कही है।