बिना स्टांप ड्यूटी का जादू, कोलकाता में फ्लैटों का रजिस्ट्रेशन 122 फीसदी बढ़ा

कई लोग फ्लैट खरीदने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे थे। वे कोरोना की स्थिति में पंजीकरण के खर्च से बचना चाहते थे। लेकिन पिछले बजट में राज्य सरकार ने एक निश्चित अवधि के लिए स्टांप शुल्क में छूट की घोषणा की थी। इसके नतीजे हटेना में मिले। फ्लैट नामांकन अचानक बढ़ गया है।

कितनी वृद्धि?




इसका असर कोलकाता महानगर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। रियल एस्टेट सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक के आंकड़े बताते हैं कि जुलाई-सितंबर तक, पिछले साल की तुलना में चालू वित्त वर्ष में पंजीकरण में 122% की वृद्धि हुई है। इनमें से अकेले सितंबर में इसमें करीब 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

बड़े फ्लैट खरीदने का चलन भी थोड़ा बढ़ा है। टैक्स ब्रेक के अवसर के कारण कई लोग थोड़ा अधिक खर्च कर रहे हैं। 1,000 वर्ग फुट या उससे अधिक के फ्लैटों के लिए पंजीकरण में लगभग 403% की वृद्धि हुई है।

अन्य राज्यों की सफलता को देखकर पश्चिम बंगाल ने लिया फैसला

महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों को पहले अल्पकालिक संपत्ति पंजीकरण पर स्टांप शुल्क से छूट दी गई थी। इससे उन राज्यों को फायदा हुआ।उस अवलोकन से पश्चिम बंगाल सरकार ने फैसला किया। पिछले साल जुलाई में बजट में इसकी घोषणा की गई थी।

छूट कब तक?

जुलाई में बजट घोषणा के अनुसार 30 अक्टूबर तक पंजीकरण कराने पर 2% की छूट दी जाएगी। इससे पहले, इन दोनों सेगमेंट में अलग-अलग दरों पर 1 करोड़ रुपये से कम और उससे अधिक की कीमतों को पेश किया गया था। दो मामलों में 30 अक्टूबर तक 2% की छूट दी जा रही है। इसके अलावा, कुछ जगहों पर संपत्ति के सर्कल रेट में भी 10% की कमी की गई है।

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