बाबूलाल मरांडी बोले: मंत्रियों को बचाने के लिए लोकायुक्त और सूचना आयुक्त की नियुक्ति में देरी

पीटीआई, मेदिनीनगर

द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
अपडेट किया गया गुरु, 28 अक्टूबर 2021 05:01 PM IST

सार

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार के संरक्षण में लूट और भ्रष्टाचार बेरोकटोक जारी है।

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झारखंड के वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को हेमंत सोरेन सरकार पर लोकायुक्त और सूचना आयुक्त की नियुक्ति में देरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सोरेन सरकार को डर है कि कहीं उसके भ्रष्ट मंत्री जांच के घेरे में न आ जाएं। उन्होंने कहा कि इनकी नियुक्ति इसलिए रोकी गई है ताकि गैरकानूनी गतिविधियां चलती रहें।

मरांडी बोले- सुनियोजित तरीके से नियुक्तियां रोकी गईं
उन्होंने कहा कि झारखंड में सूचना का अधिकार कानून निष्क्रिय है। सुनियोजित तरीके से नियुक्तियां रोक दी गई हैं। हेमंत सोरेन सरकार को डर है कि अगर भ्रष्टाचार के मामले में जांच शुरू की गई तो उसके मंत्री जांच के दायरे में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के संरक्षण में लूट और भ्रष्टाचार बेरोकटोक जारी है।

मरांडी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईमानदार होते और राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध होते, तो उन्होंने राज्य सूचना आयोग और लोकायुक्त जैसी संस्थाओं को सक्रिय कर दिया होता। राज्य के लोकायुक्त न्यायमूर्ति ध्रुव नारायण उपाध्याय की जून में COVID-19 से मृत्यु हो गई, जिससे पद खाली रह गया। मई 2020 से सूचना आयुक्त का पद भी खाली पड़ा हुआ है।

विस्तार

झारखंड के वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को हेमंत सोरेन सरकार पर लोकायुक्त और सूचना आयुक्त की नियुक्ति में देरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सोरेन सरकार को डर है कि कहीं उसके भ्रष्ट मंत्री जांच के घेरे में न आ जाएं। उन्होंने कहा कि इनकी नियुक्ति इसलिए रोकी गई है ताकि गैरकानूनी गतिविधियां चलती रहें।

मरांडी बोले- सुनियोजित तरीके से नियुक्तियां रोकी गईं

उन्होंने कहा कि झारखंड में सूचना का अधिकार कानून निष्क्रिय है। सुनियोजित तरीके से नियुक्तियां रोक दी गई हैं। हेमंत सोरेन सरकार को डर है कि अगर भ्रष्टाचार के मामले में जांच शुरू की गई तो उसके मंत्री जांच के दायरे में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के संरक्षण में लूट और भ्रष्टाचार बेरोकटोक जारी है।

मरांडी ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईमानदार होते और राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध होते, तो उन्होंने राज्य सूचना आयोग और लोकायुक्त जैसी संस्थाओं को सक्रिय कर दिया होता। राज्य के लोकायुक्त न्यायमूर्ति ध्रुव नारायण उपाध्याय की जून में COVID-19 से मृत्यु हो गई, जिससे पद खाली रह गया। मई 2020 से सूचना आयुक्त का पद भी खाली पड़ा हुआ है।

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