प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट: केरल में पायलट की गलती से क्रैश हुआ था एयर इंडिया का विमान, पिछले साल हुए हादसे में मारे गए थे 20 लोग

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तिरुवनंतपुरम3 घंटे पहले

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एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737-800 पिछले साल 7 अगस्त को कोझिकोड एयरपोर्ट पर लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गया था।

केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट पर पिछले साल क्रैश हुए एअर इंडिया प्लेन के पायलट ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर का पालन नहीं किया था। शनिवार को सरकार की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई। एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने अपनी 257 पेज की रिपोर्ट में कहा कि पायलट की गलती के अलावा सिस्टमेटिक फेल्योर की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

AAIB सरकार की तरफ से जारी की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लेन उड़ा रहे पायलट ने SOP को नजरअंदाज करते हुए अनस्टेबलाइज्ड एप्रोच (अस्थिरता के बावजूद कोशिश) जारी रखी और प्लेन को टचडाउन पॉइंट के बाद लैंड कराया। पायलट ने आधा रनवे पार करने के बाद लैंडिंग की। इस दौरान पायलट मॉनिटरिंग ने गो अराउंड कॉल दिया था, लेकिन वह फ्लाइट कंट्रोल को अपने हाथ में नहीं ले पाया, जिसकी वजह से हादसा हुआ।

लैंडिंग के दौरान हुआ था हादसा
एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737-800 पिछले साल 7 अगस्त को केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट पर लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गया था। यह विमान दुबई से आया था। उतरते वक्त यह रनवे से फिसलकर गहरी खाई में गिर गया। हादसे में विमान कई टुकड़ों में टूट गया था। विमान में 190 पैसेंजर सवार थे। इनमें से 20 की जान चली गई थी। मरने वालों में दो पायलट भी शामिल थे। हादसे में कई लोग घायल हुए थे।

कोझिकोड में टेबल टॉप रनवे

केरल के 4 एयरपोर्ट्स में कोझिकोड का रनवे सबसे छोटा है। इसके ऊंचाई पर होने से हमेशा विमान के फिसलने का खतरा होता है।

केरल के 4 एयरपोर्ट्स में कोझिकोड का रनवे सबसे छोटा है। इसके ऊंचाई पर होने से हमेशा विमान के फिसलने का खतरा होता है।

कोझिकोड एक टेबल टॉप एयरपोर्ट है। केरल के 4 एयरपोर्ट्स में यहां सबसे छोटा रनवे है। टेबल टॉप यानी ऐसा एयरपोर्ट, जो पहाड़ी इलाके में बना है और जहां रनवे का एक सिरा या दोनों सिरे ढलान पर होते हैं। ऐसे एयरपोर्ट पर खराब मौसम के दौरान हादसे का खतरा रहता है।

ऐसे एयरपोर्ट पर जब बारिश के दौरान लैंडिंग होती है तो रनवे पर जमा पानी और पहले लैंड हो चुके विमानों के टायर के रबर डिपॉजिट्स की वजह से प्लेन के रनवे से फिसल जाने का खतरा रहता है। इसे एक्वाप्लेनिंग भी कहते हैं।

यहां कई बार हो चुके हैं हादसे

  • 7 नवंबर 2008 को जेद्दाह से लौट रहे एयर इंडिया के प्लेन का एक विंग लैंडिंग के दौरान टूट गया। रनवे को भी नुकसान पहुंचा। सभी यात्री सुरक्षित थे।
  • 9 जुलाई 2012 को एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग रनवे पर फिसल गया। प्लेन के लैंडिंग गियर रनवे पर लगी लाइटों से टकरा गए। सभी यात्री सुरक्षित थे।
  • 25 अप्रैल 2017 को कोझीकोड एयरपोर्ट से टेकऑफ के दौरान एयर इंडिया का इंजन फेल हो गया और एक टायर फट गया। टेक ऑफ को अचानक रोकना पड़ा।
  • 4 अगस्त 2017 को स्पाइसजेट का प्लेन लैंडिंग के दौरान रनवे पर फिसल गया।

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