चंडीगढ़3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
पैरा एथलीट संजीव कुमार ने बताया कि सरकार बातें तो बड़ी-बड़ी करती है पर उन खिलाड़ियों के लिए कुछ नहीं करती जो वाकई में राज्य और देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
सरकारी नौकरी नहीं मिलने से पंजाब के नेशनल और इंटरनेशनल पैरालिंपिक खिलाड़ी मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के सरकारी आवास के सामने धरना देने की तैयारी में है। इस दौरान वे अपने अवॉर्ड भी वापस करेंगे। खिलाड़ी 25 अगस्त को टोक्यो ओलिंपिक शुरू होने से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को धरना देंगे।
खिलाड़ियों ने बताया कि 4 जून को जब उन्होंने CM के सरकारी आवास के सामने धरना दिया था, तो CM ने VC के माध्यम से बात कर अगली कैबिनेट मीटिंग में खेल मंत्री को देश और राज्य का नाम रोशन करने वाले पैरा खिलाड़ियों को नौकरी देने के लिए नई खेल नीति लाने के लिए निर्देश दिए थे। इसके अलावा पुलिस के किए अत्याचार पर माफी मांगी थी। लेकिन 16 अगस्त को हुई कैबिनेट मीटिंग में खेल मंत्री और खेल निदेशक ने पैरा खिलाड़ियों की नौकरी के लिए कोई भी खेल नीति पेश नहीं की। इसके अलावा उस लिस्ट पर भी कोई फैसला नहीं किया गया, जिसमें 14 खिलाड़ियों के नौकरी के लिए नाम दिए गए थे।
इस बारे में OSD संदीप सिंह बराड़ ने बताया कि उन्होंने इस बारे चीफ सेक्रेटरी (CS) को प्रस्ताव भेजा था जिसे उन्होंने यह कहकर नजरअंदाज कर दिया कि खिलाड़ियों को नौकरी देने के लिए सरकारी खजाने में पैसा नहीं है।
फिर छलका खिलाड़ी का दर्द
पैरा एथलीट संजीव कुमार ने कहा कि एक ओर तो पंजाब सरकार घर-घर रोजगार देने की बात करती है और दूसरी ओर हमारी नौकरी की बात आती है तो सरकार खजाने की बात करती है। हम तो सड़कों पर धक्के खाने को मजबूर हैं। सरकार ने अपने विधायकों के बेटों को नौकरी देने की बात हो या टिकटॉक स्टार गुरनूर के पिता को नौकरी देने में बिल्कुल देर नहीं की और हमारी बारी आते ही खजाने खाली हो गए। उन्होंने कहा कि हरियाणा और राजस्थान सरकार की तर्ज पर पंजाब सरकार खिलाड़ियों को नौकरी देने के लिए खेल पॉलिसी में बदलाव करके एक बराबर सम्मान देने की परंपरा बनाए।
.