पूर्व DGP सुमेध सिंह सैनी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत: पंजाब विधानसभा चुनावों तक गिरफ्तारी पर अदालत ने लगाई रोक, किसी भी केस में पेश होने से भी छूट; विदेश जाने से पहले लेनी होगी इजाजत

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  • सुमेध सैनी की याचिका पर आज फैसला सुना सकता है हाईकोर्ट, पूर्व डीजीपी की मांग- गिरफ्तारी से एक हफ्ते पहले दिया जाए नोटिस

चंडीगढ़41 मिनट पहले

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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने सैनी को बड़ी राहत देते हुए 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, साथ ही उनके खिलाफ जितनी भी एफआईआर दर्ज हैं, उन पर किसी भी किस्म की कार्रवाई पर भी अगले आदेशों तक रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने अपने 46 पेज के आदेश में साफ कह दिया है कि 2022 चुनावों तक उनके खिलाफ सभी एफआईआर पर रोक होगी, उन्हें किसी भी केस में पेश होने से छूट होगी। इसके साथ ही सैनी को आदेश दिए गए हैं कि अगर वह इस दौरान विदेश जाना चाहे तो इसके लिए उन्हें अदालत की इजाजत लेनी होगी। सुमेध सिंह सैनी की ब्लेंकेट बेल पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिए हैं।

सैनी अपनी याचिका में यह कह चुके हैं कि पंजाब सरकार उनके खिलाफ राजनीतिक रंजिश के तहत ही यह सभी मामले चला रही है। ऐसे में अगर सरकार उनके खिलाफ किसी भी केस में कोई भी कार्रवाई करें तो 7 दिन पहले उन्हें इसका नोटिस दिया जाए। हाईकोर्ट ने यह आदेश पहले ही दे दिए थे कि सैनी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले उन्हें 7 दिनों का नोटिस दिया जाए। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों तक उनकी गिरफ्तरी पर भी रोक लगा दी है।

विजिलेंस ब्यूरो को गिरफ्तारी के 24 घंटे बाद ही सैनी को छोड़ना पड़ा
बता दें कि पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में कार्रवाई करते हुए विजिलेंस ब्यूरो ने 18 अगस्त की रात को उन्हें गिरफ्तार किया था। उस गिरफ्तारी को अवैध हिरासत बताकर हाईकोर्ट ने 19 अगस्त की देर रात सैनी को रिहा करने के आदेश दिए थे। सुमेध सिंह सैनी ने अपनी याचिका में बताया था कि कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी के एक सप्ताह पहले नोटिस जारी करने को कहा है। इसके बावजूद विजिलेंस ने बिना नोटिस दिए उन्हें गिरफ्तार किया था। रिहाई के आदेश को वापस लिए जाने की मांग को लेकर विजिलेंस ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में रिकॉल पिटीशन दायर की है।

विजिलेंस ने कहा- सैनी ने हाईकोर्ट के आदेश का नहीं किया सही तरीके से पालन
विजिलेंस ने बताया है कि हाईकोर्ट ने सैनी को 12 अगस्त को अंतरिम जमानत देते हुए 7 दिन में जांच में शामिल होने के आदेश दिए थे। सैनी आखिरी दिन रात 8 बजे जांच में शामिल होने पहुंचे थे। इस तरह सैनी ने हाईकोर्ट के आदेश का सही तरीके से पालन ही नहीं किया था, इसलिए सैनी को 18 अगस्त की रात को गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी एफआईआर संख्या 13 में नहीं, बल्कि एफआईआर संख्या 11 के तहत की गई थी। इसी मामले में सैनी ने अपनी अर्जी के साथ एक पेन ड्राइव देते हुए हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी कि 9 सितंबर की बजाय थोड़े दिन पहले इस केस की सुनवाई की जाए। साथ ही विजिलेंस अधिकारी और अन्य पर अवमानना का केस दर्ज करने की भी मांग की थी। पिछली सुनवाई में उन सभी अर्जियों पर हाईकोर्ट ने अपनी असहमति जताते हुए कहा था कि जल्द सुनवाई की जरूरत नहीं। वहीं गुरुवार को दोनों पक्षों के बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा लिया गया था।

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