पूजा खेडकर को पुणे पुलिस का नोटिस: हैरेसमेंट केस में आज बयान दर्ज कराने को कहा; कलेक्टर सुहास दिवासे पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे

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पुणे2 घंटे पहले

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2023 बैच की IAS अधिकारी पूजा खेडकर पर गलत तरीके से OBC और विकलांग कोटे से सिलेक्शन पाने सहित कई गंभीर आरोप हैं।

पुणे पुलिस ने UPSC सिलेक्शन को लेकर विवादों से घिरीं ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को बुधवार (17 जुलाई) को नोटिस भेजा है। पूजा को पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे के खिलाफ हैरेसमेंट केस में गुरुवार (18 जुलाई) को बयान दर्ज कराने का कहा गया है।

पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि पूजा को बयान देने के लिए बुलाया गया है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने पूजा के वाशिम में उनके अस्थायी आवास पर नोटिस दिया है। पूजा बयान दर्ज करवाने के लिए आज पुणे आ सकती हैं।

पूजा पर पुणे की असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर अपने अधिकारों के दुरुपयोग के आरोप लगे थे। इसके बाद कलेक्टर सुहास दिवासे ने उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया था। महिला पुलिसकर्मियों की एक टीम 15 जुलाई को पूजा के वाशिम स्थित उनके आवास पर गईं, जहां उन्होंने सुहास दिवासे के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई।

हालांकि, पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे ने बताया कि उन्हें अपने खिलाफ ऐसी किसी शिकायत की जानकारी नहीं है। PTI के मुताबिक, कलेक्टर दिवासे ने कहा, ‘मुझे अपने ऊपर लगे आरोपों की जानकारी नहीं है। मुझसे इस बारे में किसी ने बात नहीं की। मुझे मीडिया रिपोर्टों से ही पता चला।’

पूजा के पिता के खिलाफ ओपन इन्क्वायरी की मांग इस बीच पूजा के पिता और रिटायर्ड अधिकारी दिलीप खेडकर की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। पुणे एंटी करप्शन ब्यूरो से दिलीप खेडकर के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति मामले में ओपन इन्क्वायरी की मांग की गई है।

एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें इसको लेकर एक एप्लिकेशन मिला है। पुणे ACB ने ACB हेडक्वार्टर से निर्देश मांगे हैं, क्योंकि दिलीप खेडकर के खिलाफ ACB के नासिक डिवीजन में आय से अधिक संपत्ति के मामले में पहले से ही जांच चल रही है।

फिलहाल, दिलीप खेडकर और उनकी पत्नी मनोरमा खेडकर फरार हैं। पुलिस ने सोमवार (15 जुलाई) को बताया कि उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन दोनों का फोन बंद है। पुलिस ने मनोरमा खेडकर का एक वीडियो सामने आने के बाद उनके खिलाफ FIR दर्ज की थी, जिसमें वो कुछ किसानों को पिस्टल से धमका रही थीं।

वीडियो में पूजा की मां हैं, जो हाथ में पिस्टल लहराते हुए किसानों को धमका रही हैं।

वीडियो में पूजा की मां हैं, जो हाथ में पिस्टल लहराते हुए किसानों को धमका रही हैं।

केंद्र ने पूजा की ट्रेनिंग रोकी, LBSNAA वापस बुलाया
इस बीच मंगलवार (16 जुलाई) को केंद्र सरकार ने पूजा की ट्रेनिंग रोक दी। उन्हें 23 जुलाई से पहले मसूरी स्थित सिविल सर्विस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन एकेडमी (LBSNAA) में वापस बुला लिया गया है। जांच पूरा होने तक पूजा वहीं रहेंगी।

डॉक्टर बोले- पूजा को 7% विकलांगता, कोटे से सिलेक्शन के लिए 40% डिसेबिलिटी जरूरी
विवादों के बीच पूजा खेडकर का विकलांगता सर्टिफिकेट भी सामने आया है। पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल से 24 अगस्त 2022 को जारी इस सर्टिफिकेट में उन्हें 7% विकलांग बताया गया है।

UPSC के नियम के मुताबिक विकलांग कोटे से सिलेक्शन के लिए 40% डिसेबिलिटी होना जरूरी है। YCM के डीन राजेंद्र वाबले ने 16 जुलाई को कहा- 7% का मतलब है कि शरीर में कोई बड़ी विकलांगता नहीं है। पूजा का मामला लोकोमोटर डिसेबिलिटी यानी चलने-फिरने में परेशानी से जुड़ा है।

पुणे के विकलांगता आयुक्त कार्यालय ने पुलिस को पूजा खेडकर की ओर से पेश किए गए सर्टिफिकेट की जांच करने के आदेश दिए हैं। इस सर्टिफिकेट में पूजा ने अपना एड्रेस भी गलत बताया था।

यह वही विकलांगता सर्टिफिकेट है, जो पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल ने जारी किया था।

यह वही विकलांगता सर्टिफिकेट है, जो पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल ने जारी किया था।

विकलांगता सर्टिफिकेट से जुड़े 4 विवाद

  • विकलांगता सर्टिफिकेट में पूजा खेडकर का एड्रेस ‘प्लॉट नंबर 53, देहू अलंदी रोड, तलावडे, पिंपरी चिंचवाड़, पुणे’ लिखा गया था। जबकि इस एड्रेस पर कोई घर नहीं, बल्कि थर्मोवर्टा इंजीनियरिंग कंपनी नाम की एक फैक्ट्री है। पूजा की जिस ऑडी को जब्त किया गया था, वह इसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड थी।
  • सरकारी नियमों के तहत विकलांगता सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन पूजा के सर्टिफिकेट में राशन कार्ड लगाया गया था।
  • विकलांग कोटे से UPSC में सिलेक्शन होने के बाद से पूजा के कई विकलांगता सर्टिफिकेट सामने आ चुके हैं। पूजा खेडकर ने 2018 और 2021 में अहमदनगर डिस्ट्रिक्ट सिविल हॉस्पिटल की ओर से जारी 2 विकलांग सर्टिफिकेट UPSC को सौंपे थे।
  • पूजा ने अपनी विकलांगता सर्टिफिकेट की पुष्टि के लिए दिल्ली में मेडिकल जांच के लिए कई बार अपॉइंटमेंट लिया था, लेकिन बाद में उन्होंने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बनी रिपोर्ट को UPSC में जमा कर दिया।

पूजा पर नाम-उम्र से छेड़छाड़ का भी आरोप
पूजा की UPSC में गड़बड़ी के मामले में और भी खुलासे हुए हैं। सामने आया है कि पूजा ने UPSC के अटेम्प्ट बढ़ाने के लिए अपने नाम और उम्र में बदलाव किया था। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में पूजा की तरफ से लगाए गए 2020 और 2023 के दो आवेदनों में पूजा के अलग-अलग नाम हैं।

पूजा ने 2020 के आवेदन में अपना नाम ‘खेडकर पूजा दिलीपराव’ और उम्र 30 साल बताई थी। वहीं, 2023 में CAT के आवेदन में उन्होंने अपना नाम ‘पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर’ और उम्र 31 साल बताई। सवाल उठाया जा रहा है कि तीन साल के अंतराल में उनकी उम्र एक ही साल कैसे बढ़ सकती है।

दरअसल, UPSC में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 32 साल की उम्र तक 6 बार परीक्षा देने की अनुमति होती है। वहीं OBC कैटेगरी का अभ्यर्थी 35 साल तक 9 बार परीक्षा दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पूजा ने कुल 11 बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी हैं।

एडिशनल सेक्रेटरी की कमेटी 2 हफ्ते में जांच रिपोर्ट देगी
UPSC सिलेक्शन में OBC और विकलांगता कोटे के दुरुपयोग मामले में केंद्र सरकार पूजा के खिलाफ जांच कर रही है। केंद्र सरकार ने 11 जुलाई को पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को वेरिफाई करने के लिए सिंगल मेंबर कमेटी का गठन किया था।

केंद्र ने एक बयान में कहा कि यह जांच एडिशनल सेक्रेटरी रैंक के अफसर कर रहे हैं। इसका मकसद 2023 बैच की अधिकारी खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य डिटेल को वेरिफाई करना होगा। समिति अपनी रिपोर्ट दो हफ्तों में पेश करेगी।

पूजा से जब उनकी जांच के लिए गठित कमेटी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पूजा ने कहा, ‘मुझे इस पर कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है। मैं कमेटी के सामने अपना पक्ष रखूंगी।’

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