पितृ पक्ष 2021: श्राद्ध केवल यही लोग कर सकते हैं। दिनांक, नियम और अधिक जानें

पितृ पक्ष 2021: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत महत्व है। 2021 में पितृ पक्ष 21 सितंबर से शुरू होकर 6 अक्टूबर को समाप्त होगा। पितृ पक्ष के दौरान मृत पूर्वजों, परिवार या पिता की आत्मा की संतुष्टि के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं।

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आमतौर पर यह सबसे बड़े या सबसे छोटे बेटे द्वारा किया जाता है। लेकिन उनकी अनुपस्थिति में घर के अन्य सदस्य भी अपने पूर्वजों का तर्पण कर सकते हैं। हिंदू शास्त्रों के नियमों के अनुसार, तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म के अनुष्ठान कौन कर सकता है, इसके संदर्भ में कुछ नियम हैं। आइए जानते हैं ये नियम:-

कौन कर सकते हैं करना Shradh में पितृ Paksha ?

  • हिंदू शास्त्रों के अनुसार पितरों को तर्पण या पिंडदान के साथ श्राद्ध कर्म करने का पहला अधिकार ज्येष्ठ पुत्र को प्राप्त है।
  • पुत्र की शादी के बाद पुत्र अपनी पत्नी के साथ श्राद्ध कर सकता है।
  • बड़ा पुत्र जीवित न हो तो छोटा पुत्र भी पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म कर सकता है।
  • पुत्र की अनुपस्थिति में पौत्र (पुत्र का पुत्र) श्राद्ध कर्म कर सकता है।
  • यदि किसी के पुत्र नहीं है, तो उसके भाई-बहन श्राद्ध कर्म कर सकते हैं।
  • जिस व्यक्ति की केवल बेटियाँ होती हैं, नियमानुसार पुत्री के पुत्र को श्राद्ध कर्म करने का अधिकार होता है।

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