पाकिस्तानी आतंकी का खुलासा: दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए बम धमाकों में शामिल था अशरफ, 2 साल राजस्थान में रहकर झाड़-फूंक करता रहा

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नई दिल्ली8 मिनट पहले

दिल्ली के लक्ष्मीनगर से गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अशरफ के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। वह 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने हुए बम धमाकों में शामिल रहा है। पूछताछ में उनसे धमाकों के पहले दिल्ली हाईकोर्ट की कई बार रेकी करने की बात कबूली है।

अशरफ ने दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर और ISBT की भी रेकी की थी। आतंकी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में उसके सामने आतंकियों ने कई बार सेना के जवानों का अपहरण किया। कुछ समय तक बंधक बनाकर रखा और बाद में हत्या कर दी।

अशरफ का राजस्थान कनेक्शन
अशरफ 2005-2006 में करीब डेढ़-2 साल राजस्थान के अजमेर में रहा। यहां झाड़ फूंक कर अपना समय बिताया। उसने पीर-फकीर बनकर कई इलाकों की रेकी की। आतंकी की हैंडलिंग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI कर रही थी। उसके हैंडलर का कोड नेम नासिर था।

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के DCP प्रमोद कुशवाहा की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पकड़े गए आरोपी मोहम्मद अशरफ के पास से कई फर्जी ID मिलीं। इनमें से एक अहमद नूरी के नाम की ID थी। इसने भारतीय पासपोर्ट हासिल कर लिया था। थाईलैंड और सऊदी अरब की यात्रा की थी। दस्तावेज के लिए गाजियाबाद में एक भारतीय महिला से शादी की थी। उसके पास बिहार की ID थी।

अशरफ के ISI के संपर्क में आने की कहानी
अशरफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में 2001 में आया। वह पाकिस्तान के पंजाब के नरोवाल जिले के कोटली सिधवान गांव में रहता था। अशरफ के माता-पिता की उस समय मौत हुए कुछ ही समय बीता था। अशरफ उसके भाई और 3 बहनों को खुद अपनी देखभाल करनी पड़ती थी। इस दौरान अचानक उसके परिवार को कहीं से आर्थिक मदद मिलने लगी, लेकिन उन्हें कभी पता नहीं चला कि ये पैसे कौन भेजता था। लगातार 2 साल तक ऐसा होता रहा। इसके बाद अशरफ का भी जिहाद के प्रति झुकाव हो गया और वह ISI के लिए काम करने लगा।

सिलीगुड़ी के रास्ते आया भारत
अशरफ की 2003 में ट्रेनिंग शुरू हुई। उसे नसीर (कोड) नाम दिया गया। 2004 में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उसे बांग्लादेश की राजधानी ढाका भेज दिया गया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक अशरफ पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के रास्ते भारत पहुंचा। उसे इस दौरान हथियार नहीं दिए गए थे और शांत रहने को कहा गया था। वह कुछ दिनों तक कोलकाता में रहा। इसके बाद अजमेर चला गया।

AK-47, हैंड ग्रेनेड और 50 राउंड गोलियां बरामद की थीं
स्पेशल सेल के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस प्रमोद कुशवाहा ने मंगलवार को बताया कि अशरफ को सोमवार रात 9.20 बजे अरेस्ट किया गया। शुरुआती जांच में पता चला है कि अशरफ स्लीपर सेल की तरह काम करके कोई बड़ी साजिश रच रहा था। वह दिल्ली में रहकर अपनी पहचान पीर मौलाना के तौर पर बना रहा था।

उसने जाली दस्तावेजों के जरिए भारतीय पहचान पत्र हासिल किया था। यह बिहार में बनवाया गया था। अशरफ के पास कई फर्जी ID मिले हैं। इनमें से एक अहमद नूरी नाम से बनवाया गया था। दस्तावेज के लिए उसने गाजियाबाद की महिला से शादी की थी। पुलिस ने उसके पास से एक AK-47 राइफल, इसकी एक मैगजीन, एक हैंड ग्रेनेड और 50 राउंड गोलियों के साथ दो पिस्टल बरामद की हैं।

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