पहाड़ों में रहना आपको दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाता है, अध्ययन कहता है

पर्वतीय घाटियों में रहने वाले मनुष्यों में स्ट्रोक और स्ट्रोक से संबंधित मृत्यु का जोखिम बहुत कम हो जाता है।

समुद्र तल से 2000 से 3500 मीटर की ऊंचाई पर रहने वाले लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों से सबसे ज्यादा सुरक्षा मिलती है

एक नए अध्ययन में कहा गया है कि 2000 से 3500 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ों में रहने वाले लोगों में स्ट्रोक का खतरा काफी कम हो जाता है। इसका दावा है कि पहाड़ की घाटियों में रहने वाले इंसानों में स्ट्रोक और स्ट्रोक से संबंधित मौत का खतरा काफी कम हो जाता है।

अध्ययन के मुताबिक, समुद्र तल से 2000 से 3500 मीटर की ऊंचाई पर रहने वाले लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों से सबसे ज्यादा सुरक्षा मिलती है। यह शोध फ्रंटलाइन इन फिजियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

शोधकर्ताओं ने पिछले 17 वर्षों में स्ट्रोक और स्ट्रोक से संबंधित जटिलताओं के कारण अस्पताल आने वाले लोगों की जांच की। ये मरीज इक्वाडोर में पहाड़ों पर चार अलग-अलग ऊंचाई पर रहते थे। इन 17 सालों में स्ट्रोक से पीड़ित करीब एक लाख मरीज अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचे।

स्ट्रोक दुनिया भर में मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारण के रूप में उभरा है। स्ट्रोक का खतरा तब बढ़ जाता है जब रक्त वाहिकाओं में थक्के या रुकावट के कारण धमनियों से मस्तिष्क तक रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है। अध्ययन के अनुसार लोगों की जीवनशैली और उनकी भौगोलिक स्थिति का उनके स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

अध्ययन का निष्कर्ष है कि जिन लोगों का निवास पहाड़ों या ऊंचाई वाले स्थानों में होता है, उनके लिए स्ट्रोक और स्ट्रोक के कारण मृत्यु का जोखिम काफी कम हो जाता है। दो हजार मीटर और उससे अधिक की ऊंचाई पर रहने वालों के लिए जोखिम और कम हो जाता है।

जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां आज दुनिया भर में लोगों की असामयिक मौतों का एक प्रमुख कारण हैं और यह अध्ययन स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं की बेहतर समझ का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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