पद संभालने के बाद वायुसेना प्रमुख की पहली कॉन्फ्रेंस: एयरचीफ मार्शल बोले- पूर्वी लद्दाख में चीनी एयरफोर्स मौजूद, लेकिन भारत पर कोई असर नहीं होगा

10 घंटे पहले

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एयरफोर्स चीफ ने कहा कि एयरफोर्स ने एंटी ड्रोन कैपेबिलिटी सिस्टम पर 4 साल पहले ही काम करना शुरू कर दिया था।

भारतीय वायुसेना की 89वीं सालगिरह पर वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि चीन की एयरफोर्स पूर्वी लद्दाख में मौजूद है, लेकिन इसका असर भारत पर नहीं पड़ने वाला है। हाल ही में जम्मू में हुए ड्रोन अटैक पर एयरफोर्स चीफ ने कहा कि हमने एंटी ड्रोन कैपेबिलिटी सिस्टम पर 4 साल पहले ही काम करना शुरू कर दिया था। इसे ज्यादा से ज्यादा तादाद में भारत में ही बनाया जा रहा है, जिससे आत्मनिर्भर भारत को मजबूती मिले। एयरचीफ मार्शल ने कहा कि ड्रोन विकसित करने के लिए जल्द ही स्टार्टअप्स को कॉन्ट्रैक्ट देना चाहते हैं।

राफेल के शामिल होने से क्षमता बढ़ी
एयरचीफ मार्शल ने कहा कि राफेल और अपाचे के सेना के बेड़े में शामिल होने से युद्ध क्षमता बढ़ी है। जल्द ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 6 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर मिलने वाले हैं। यह 7000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकते हैं। इनमें बिना किसी दिक्कत के 17 दिनों तक उड़ान भरने की क्षमता है।

दूसरी लहर में एयरफोर्स ने अपनी क्षमता दिखाई
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में एयरफोर्स ने अपनी क्षमता का परिचय दिया है। दूसरी लहर के दौरान हमारी वायुसेना ने विदेशों में मेडिकल सप्लाई पहुंचाने के लिए 1100 घंटों से ज्यादा की उड़ान भरी। इतना ही नहीं भारत में ही 2600 घंटों की उड़ान भरकर सप्लाई पहुंचाई गई।

भारत ने लद्दाख में पहली बार K9-वज्र तोपें तैनात कीं
इससे पहले शनिवार को भारत सरकार ने पहली बार लद्दाख से सटी सीमा पर K9-वज्र तोपें तैनात कीं। यह सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर तोप 50 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य पर निशाना साधने में सक्षम है। चीन के साथ 1 साल से ज्यादा समय से बने गतिरोध के चलते इसे सीमा पर तैनात किया गया।

K-9 वज्र से बढ़ेगी सेना की ताकत
बॉर्डर पर K-9 वज्र को ऊंचाई वाले इलाकों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका सफल परीक्षण भी हो चुका है। इसे आर्मी की सभी रेजीमेंट में शामिल किया जाएगा, जिससे सेना की ताकत बढ़ेगी।

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