पंजाब में कांग्रेस की सियासी गुगली: CM से मिले सिद्धू और परगट सिंह; 3 घंटे चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं की सुनवाई करेंगे मंत्री; ड्यूटी रोस्टर जारी

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  • चंडीगढ़ में कांग्रेस भवन में तीन घंटे कार्यकर्ताओं की बात सुनेंगे सिद्धू और प्रगत सिंह मुख्यमंत्री कैप्टन मंत्री से मिले; ड्यूटी रोस्टर का विमोचन

जालंधर3 घंटे पहले

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कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ नवजोत सिद्धू, प्रगट सिंह व कुलजीत नागरा।

पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह के विवाद के बीच कांग्रेस की सियासी गुगली ने सबको चौंका दिया है। शुक्रवार को अचानक कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू नवनियुक्त महासचिव परगट सिंह व कार्यकारी प्रधान कुलजीत नागरा को लेकर कैप्टन से मिले। सिद्धू ने कैप्टन को मांग पत्र सौंपा कि सरकार के मंत्री हफ्ते के 5 दिन बारी-बारी से कांग्रेस भवन आएं। जहां वो कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं व आम लोगों की सुनवाई करें। जिसे कैप्टन ने स्वीकार करते हुए मंत्रियों के लिए शेड्यूल भी जारी कर दिया है। कैप्टन-सिद्धू के बहुप्रचारित विवाद के बीच दोनों का यह कोआर्डिनेशन आम लोगों को चौंका रहा है। वहीं, सियासी माहिर कांग्रेस की इस सियासत से मुस्कुरा रहे हैं।

सार्वजनिक तौर पर विवाद की चर्चा के बीच कैप्टन से मिलते नवजोत सिद्धू।

सार्वजनिक तौर पर विवाद की चर्चा के बीच कैप्टन से मिलते नवजोत सिद्धू।

सिद्धू का ट्वीट – बहुत सकारात्मक मीटिंग रही

कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात के बाद नवजोत सिद्धू ने ट्वीट किया कि मंत्रियों के कांग्रेस भवन में बैठने के रोस्टर को तैयार करने की मीटिंग बहुत सकारात्मक रही। सिद्धू ने इसके साथ कैप्टन को दिया मांग पत्र भी डाला है। जिसमें कहा गया कि कार्यकर्तओं की मांग व सीनियर नेताओं का मानना है कि एक-एक मंत्री को अलग-अलग दिनों में कांग्रेस भवन आकर उनकी बात सुननी चाहिए ताकि पंजाब से जुड़े मुद्दों को प्रभावी ढंग से हल किया जा सके।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से जारी मंत्रियों का ड्यूटी रोस्टर।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से जारी मंत्रियों का ड्यूटी रोस्टर।

सिद्धू-परगट दोनों कैप्टन विरोधी, संगठन की ताकत या सियासी खेल

नवजोत सिद्धू पंजाब प्रधान बनने के बाद भी कैप्टन सरकार पर निशाना साध रहे हैं। बिजली समझौते के मुद्दे हों या नशा, इन पर कार्रवाई को लेकर वो अपनी ही सरकार पर हमला बोल चुके हैं। इसके बाद कैप्टन के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले परगट सिंह को महासचिव बना दिया। अब इन सबकी मीटिंग सौहार्दपूर्ण होने से कांग्रेस विरोधियों के बीच भी खूब चर्चा हो रही है। अब तक सिद्धू से माफी मंगवाने पर अड़े कैप्टन एक-एक कर उनकी हर मांग मान रहे हैं। कांग्रेस के भीतर यह संगठन की बढ़ती ताकत है या फिर कांग्रेस का सियासी खेल, इस पर भी सबकी नजर बनी हुई है।

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