नगर पालिका को बताए बिना हेरिटेज कमीशन नहीं ले सकता कोई फैसला : फरहाद

कोलकाता पूर्णिमा जल्द ही शहर की विरासत को संरक्षित करने के लिए राज्य विरासत आयोग के साथ बातचीत करेगी। कोलकाता पूर्णिमा ने यह भी बताया कि कोलकाता पूर्णिमा आयोग के साथ संयुक्त रूप से काम करने में रुचि रखती है।

इस संबंध में कोलकाता के नगर प्रशासक फिरहाद हाकिम ने कहा, ‘राज्य विरासत आयोग विरासत की सुरक्षा के लिए एक घर को मुख्य नियामक निकाय के रूप में मान्यता दे सकता है। लेकिन इसकी सूचना पूर्णिमा को देनी होगी। राज्य विरासत आयोग अकेले उन्हें सूचित किए बिना कोई निर्णय नहीं ले सकता। ऐसा इसलिए है क्योंकि घर के डिजाइन, म्यूटेशन या रेनोवेशन से जुड़े सारे फैसले पूर्णिमा को ही लेने होते हैं।’ गौरतलब है कि हेरिटेज कमीशन पर शहर के पारंपरिक भवन के क्रम को मनमाने ढंग से बदलने का आरोप लगाया गया है।




कथित तौर पर, कुछ दिन पहले, शरत बसु रोड पर एक घर को विरासत भवन घोषित किया गया था, जिससे पूर्णिमा को अंधेरे में रखा गया था। आयोग के काम से शहर के अधिकारी हैरान हैं। शहर के कुछ अधिकारियों के मुताबिक आयोग इसे विरासत स्थल घोषित कर सकता है। लेकिन पूर्णिमा को सूचित करना पड़ा। हालांकि आयोग के पास इस मामले पर एक बयान था, राज्य विरासत आयोग को राज्य के किसी भी हिस्से में विरासत मामलों पर निर्णय लेने का अधिकार है। उस स्थिति में, उन्हें अलग से कलकत्ता पुराणगम को सूचित करने की आवश्यकता नहीं है।

.

Leave a Reply