दुनिया की सबसे ऊंची अम्बेडकर की मूर्ति का इनॉगरेशन आज: स्टैच्यू ऑफ सोशल जस्टिस नाम दिया, आंध्र प्रदेश के CM बोले- यह देश का प्रतीक

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विजयवाड़ा17 मिनट पहले

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डॉ भीमराव अम्बेडकर की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ सोशल जस्टिस’ की ऊंचाई 206 फीट है। इसे आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में स्थापित किया गया है।

आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में शुक्रवार 19 जनवरी को भारतीय संविधान के निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का अनावरण किया जाऐगा। इस मूर्ति को स्टैच्यू ऑफ सोशल जस्टिस नाम दिया गया है, जो दुनिया की टॉप 50 सबसे ऊंची मूर्तियों की लिस्ट में शामिल होगी।

इसकी ऊंचाई जमीन से 206 फीट है। इससे पहले तेलंगाना में स्थित अंबेडकर की 175 फीट की ऊंची मूर्ति सबसे बड़ी मानी जाती थी। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्‌डी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘विजयवाड़ा में हमारी सरकार द्वारा बनाया गया अंबेडकर का 206 फीट का महाशिल्पम न केवल राज्य के लिए बल्कि देश के लिए भी एक प्रतीक है।’

इंडिया से बाहर अम्बेडकर की सबसे बड़ी मूर्ति अमेरिका में

इंडिया से बाहर डॉ अम्बेडकर की सबसे ऊंची मूर्ति अमेरिका के वांशिगटन में हैं। पिछले साल 2023 में इसका अनावरण किया गया था, जिसे ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ नाम दिया गया। यह मूर्ति 19 फीट ऊंची है और इसे मूर्तिकार राम सुतार ने बनाया है, जिन्होंने सरदार पटेल की मूर्ति भी बनाई थी।

डॉ अम्बेडकर के बारे में जानिए…
डॉ. भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू जिले में एक महार परिवार में हुआ था। महार जाति को उस समय अछूत समझा जाता था। बाबा साहेब के पिता सेना में थे और नौकरी के सिलसिले में यहां रहा करते थे। उनके पुरखे महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के अंबाडावे गांव से थे।

1906 में भीमराव अम्बेडकर की पहली शादी रमाबाई से हुई। रमाबाई ने उनकी पढ़ाई में बहुत मदद की। दोनों के 5 बच्चे थे, इनमें से केवल यशवंत अम्बेडकर जीवित रहे। 27 मई 1935 को लंबी बीमारी के बाद रमाबाई की मौत हो गई।

प्रोग्रेसिव सोच वाले ब्राह्मण परिवार में जन्मीं थीं दूसरी पत्नी सविता
27 जनवरी 1909 को जन्मीं शारदा (भीमराव से शादी के बाद सविता अम्बेडकर बनीं) एक मध्यमवर्गीय सारस्वत ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता इंडियन मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार थे। शारदा ने 1937 में मुंबई से MBBS की डिग्री हासिल की। उस समय किसी लड़की का डॉक्टर बनना अचरज की बात थी।

डॉ. सविता अपनी आत्मकथा में लिखती हैं कि मेरा परिवार पढ़ा-लिखा और आधुनिक था। उनके 8 में से 6 भाई-बहनों ने अपनी जाति के बाहर शादी की, लेकिन उनके माता-पिता ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई। अम्बेडकर की जिंदगी से जुड़े अनकहे पहलू पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

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