दिल्ली में लगे मुस्लिम विरोधी नारे: जंतर-मंतर पर रैली में भीड़ ने लगाए विवादित नारे, पूर्व BJP प्रवक्ता समेत 5 संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लिया

नई दिल्ली10 मिनट पहले

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अश्विनी उपाध्याय ने जंतर-मंतर पर आयोजित रैली की फोटो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की।

सुप्रीम कोर्ट के वकील और भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय और चार अन्य लोगों को पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया है। उपाध्याय पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक विरोध प्रदर्शन किया जिसमें मुस्लिम विरोधी नारे लगाए गए।

उपाध्याय के साथ 4 अन्य संदिग्धों से इस मामले में पूछताछ की जाएगी। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने उपाध्याय को सोमवार रात कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में आने का समन भेजा था। सूत्रों ने बताया, अन्य संदिग्धों को हिरासत में लेने के लिए शहर में छापेमारी की जा रही है।

जंतर-मंतर पर लगाए मुस्लिम विरोधी नारे
सोमवार को सोशल मीडिया पर इस विरोध प्रदर्शन का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने एक्शन लिया। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर जमा भीड़ ‘राम-राम’ और ‘हिन्दुस्तान में रहना होगा, जय श्री राम कहना होगा’ के नारे लगा रही है। सोमवार शाम तक इस मामले में किसी को हिरासत में नहीं लिया गया था।

बिना पुलिस की अनुमति के आयोजित हुई रैली
पुलिस ने बताया कि कोरोना के चलते उन्होंने इस रैली के आयोजन की अनुमति नहीं दी थी, फिर भी भीड़ वहां जमा हुई। इस दौरान कोई पुलिसवाला वहां मौजूद नहीं था। भड़काऊ भाषणों के लिए जाने जाने वाले पंडित नरसिंहानंद सरस्वती और टीवी अभिनेता और भाजपा नेता गजेंद्र चौहान भी इस प्रदर्शन का हिस्सा थे।

अश्विनी उपाध्याय ने आरोपों से इनकार किया
एक बयान में अश्विनी उपाध्याय ने कहा-‘रैली को आयोजन सेव इंडिया फाउंडेशन ने किया था। इस संस्था से मेरा कोई संबंध नहीं है। मैं वहां पर आरवीएस मणि, फिरोज बख्त अहमद और गजेंद्र चौहान की तरह मेहमान के तौर पर गया था। हम वहां 11 बजे पहुंचे और 12 बजे निकल आए। नारे लगाने वालों से मैं नहीं मिला। मैं सुबह आपसे मिलकर अपना लिखित बयान देने को तैयार हूं।’

इससे पहले उन्होंने मीडिया से कहा था कि वो इन वीडियो के बारे में नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा- यह सब जब हुआ तो न तो मैं वहां था, न मुझे इसकी जानकारी थी और न मैंने इन लोगों को बुलाया था। यह सब मेरे जाने के बाद हुआ होगा। वीडियो में नजर आने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सिर्फ पांच या छह लोगों ने ये नारे लगाए थे, वो भी जब तब रेली खत्म हो गई थी। हालांकि ऐसे नारे नहीं लगने चाहिए थे।

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