दिल्ली में पाकिस्तान के आतंकी मॉड्यूल का खुलासा: पाकिस्तान में ट्रेनिंग ले चुके 2 आतंकियों समेत 6 गिरफ्तार; भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक मिले

नई दिल्ली2 मिनट पहले

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दिल्ली में पाकिस्तान की बड़ी आतंकी साजिश का खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने पाकिस्तान में ट्रेनिंग ले चुके 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से बड़ी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद किए गए हैं।

यह नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ था। जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने कई राज्यों में रेड की। यह आतंकी मॉड्यूल देशभर में सीरियल ब्लास्ट की साजिश रच रहा था।

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के DCP प्रमोद कुशवाह ने बताया कि इसके लिए मल्टी स्टेट ऑपरेशन चलाया गया था। इस ऑपरेशन के दौरान दोनों आतंकियों के अलावा 4 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस तरह कुल 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इन्हें दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से पकड़ा गया है। पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेने वाले दोनों आतंकियों में एक का नाम ओसामा और दूसरे का जीशान कमर है। इसके अलावा पकड़े गए 4 अन्य आरोपियों का नाम मोहम्मद अबु बकर, जान मोहम्मद शेख, मोहम्मद आमिर जावेद और मूलचंद लाला है।

त्योहारों के दौरान भीड़ भरे इलाकों में ब्लास्ट करना चाहते थे
पकड़े गए आतंकियों में से एक का काम आने वाले फेस्टिवल सीजन में IID प्लांट करना था। नवरात्रि और रामलीला के दौरान भीड़ भरे इलाके इनके निशाने पर थे। आतंकियों से भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार और हाई क्वालिटी पिस्टल बरामद किए गए हैं।

मस्कट से पाकिस्तान ले जाकर दी गई आतंक की ट्रेनिंग
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर नीरज ठाकुर ने बताया, ‘हमारे पास 10 टेक्निकल इनपुट थे। सबसे पहले महाराष्ट्र के सलेम को पकड़ा गया। दो आदमी दिल्ली में अरेस्ट हुए। इसके बाद उत्तर प्रदेश से 3 लोग अरेस्ट किए गए। इनमें से 2 आदमी अप्रैल में मस्कट गए थे। उन्हें मस्कट से बाई शिप पाकिस्तान ले जाया गया। वहां फार्म हाउस में रखकर विस्फोटक बनाने और एके-47 चलाने की 15 दिन ट्रेनिंग दी गई।’

बांग्ला बोलने वाले 15 लोगों को भी ट्रेनिंग देने का शक
ठाकुर ने कहा, ‘पाकिस्तान से ये लोग मस्कट लौटे। मस्कट से 15 बांग्ला बोलने वाले लोगों को पाकिस्तान ले जाया गया था। लगता है उन्हें भी ट्रेनिंग पर ले जाया गया था। इनकी दो टीमें बनाई गई थीं। एक को अनीस इब्राहिम कोऑर्डिनेट कर रहा था। इनका काम था बॉर्डर पार से आए हथियारों को देश के राज्यों में भेजना और दूसरी टीम का काम था हवाला के जरिए रकम जुटाना।’

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