दयानिधि के पुराने बयान पर टकराव: अब DMK ने बीजेपी नेता का पुराना वीडियो शेयर किया, कहा- वे साउथ-इंडियंस का अपमान कर रहे

चेन्नई10 मिनट पहले

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तरुण विजय का वीडियो साल 2017 में मीडिया एजेंसी अलजजीरा को दिए इंटरव्यू का एक हिस्सा है।

यूपी-बिहार के हिंदी भाषी तमिलनाडु में टॉयलेट साफ करते हैं। DMK सांसद दयानिधि के इस बयान का वीडियो वायरल होने के बाद DMK ने 25 दिसंबर को भाजपा नेता तरुण विजय का एक पुराना वीडियो शेयर किया। जिसमें वो दक्षिण भारतीयों को ‘काला’ कह रहे हैं।

DMK ने कैप्शन में लिखा- उत्तराखंड के बीजेपी नेता तरुण विजय रंगभेद कर सभी साउथ इंडियन्स का अपमान कर रहे हैं।

तरुण विजय का पूरा बयान
वीडियो में तरुण विजय कह रहे हैं – अगर हम नस्लवादी होते, तो हमारे पास पूरा दक्षिण क्यों होता? तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र… हम उनके साथ क्यों रहते हैं? हमारे आसपास काले लोग हैं। तरुण विजय का यह वीडियो साल 2017 में मीडिया एजेंसी अलजजीरा को दिए इंटरव्यू का एक हिस्सा है।

DMK की IT विंग अपने X अकाउंट से पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय का वीडियो शेयर किया है।

DMK की IT विंग अपने X अकाउंट से पूर्व राज्यसभा सांसद तरुण विजय का वीडियो शेयर किया है।

दरअसल, इस विवाद की शुरुआत शनिवार 23 दिसंबर को DMK सांसद दयानिधि के वीडियो सामने आने के बाद हुई है। जिसमें दयानिधी ने कहा था- यूपी और बिहार के हिंदी भाषी तमिलनाडु में या तो कंस्ट्रक्शन वर्क करते हैं या फिर टॉयलेट साफ करते हुए नजर आते हैं। वे सिर्फ हिंदी सीखते हैं। उन्हें अंग्रेजी बोलनी नहीं आती। जो अंग्रेजी सीखते हैं, वे IT कंपनियों में अच्छी नौकरी करते हैं।

DMK सांसद दयानिधि ने एक कार्यक्रम के दौरान विवादित टिप्पणी की थी।

DMK सांसद दयानिधि ने एक कार्यक्रम के दौरान विवादित टिप्पणी की थी।

ये पहला मामला नहीं है, जब DMK के किसी नेता ने हिंदी भाषी राज्यों पर बयान दिया हो। संसद के शीतकालीन सत्र में DMK सांसद डॉ. सेंथिल कुमार ने सदन की कार्यवाही के दौरान हिंदी भाषी राज्यों को गोमूत्र स्टेट्स बताया था।

लोकसभा में भाषण देते हुए सेंथिल ने 5 दिसंबर को कहा- बीजेपी की ताकत केवल हिंदी बेल्ट के उन राज्यों को जीतने में ही है, जिन्हें हम आमतौर पर गोमूत्र राज्य कहते हैं। दक्षिण के राज्यों में BJP को घुसने नहीं दिया गया है। सेंथिल कुमार ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के खिलाफ यह बयान दिया था। तेलंगाना में कांग्रेस की जीत हुई थी। मिजोरम सहित इन 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आए थे।

बयान पर विवाद बढ़ने के बाद DMK सांसद ने सफाई भी दी थी।

बयान पर विवाद बढ़ने के बाद DMK सांसद ने सफाई भी दी थी।

तमिलनाडु CM बोले- हम हिंदी के गुलाम नहीं
गृह मंत्री अमित शाह ने 4 अगस्त को एक बैठक में कहा था कि सभी राज्यों को हिंदी स्वीकार करनी चाहिए। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस पर आपत्ति जताते हुए 5 अगस्त को एक ट्वीट किया।

उन्होंने लिखा- अमित शाह गैर-हिंदी राज्यों पर जबरदस्ती हिंदी थोप रहे हैं। तमिलनाडु इसे स्वीकार नहीं करेगा, हम हिंदी के गुलाम नहीं बनेंगे। कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे और स्टेट भी इसका विरोध कर रहे हैं।

तमिलनाडु में हिंदी का विरोध 88 साल पुराना
तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों में हिंदी नहीं पढ़ाई जाती है। वहां 90 के दशक तक इन स्कूलों में हिंदी के शिक्षक होते थे। बाद में इस विषय को हटा लिया गया। हालांकि, भाषा विकल्प के रूप में हिंदी आज भी है। केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति लाने जा रही है, जिसमें तीन भाषाओं को सीखने का प्रावधान है। तमिलनाडु की DMK सरकार इसका भी विरोध कर रही है।

तमिलनाडु में सबसे ज्यादा हिंदी सीख रहे लोग

दक्षिण राज्यों में हिंदी की परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (DBHP) के अनुसार, तमिलनाडु के लोगों में हिंदी सीखने की ललक बढ़ी है। 2022 में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुल 5,12,503 लोग हिंदी की परीक्षा में बैठे थे। इनमें अकेले तमिलनाडु के 2.86 लाख परीक्षार्थी थे, जो बाकी राज्यों से ज्यादा हैं। 2018 में तमिलनाडु में ये आंकड़ा 2.59 लाख था।

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