दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई: 820 मिमी बारिश हुई, औसत से 48mm कम, IMD बोला- ये सामान्य के करीब

नई दिल्लीएक घंटा पहले

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भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार बारिश 96% से 104% के बीच रही।

दक्षिण-पश्चिम मानसून शनिवार 30 सितंबर को विदा हो गया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इसका ऐलान किया। IMD के मुताबिक, इस बार 820 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य रूप से 868.6 मिमी बारिश होती है। यानी इस बार 48 मिमी कम बारिश हुई।

मौसम विभाग के मुताबिक, 2023 अल नीनो साल है। इस लिहाज से देखें तो मानसून सामान्य के करीब है। इस बार बारिश 96% से 104% के बीच रही। प्री-मानसून ब्रीफिंग में IMD ने सामान्य मानसून की बात कही थी।

क्या है अल नीनो प्रभाव?
अल नीनो यानी दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर का गर्म होना। इसके चलते मानसून कमजोर होता है और भारत में सूखे की स्थिति बनती है।

भारत में सामान्य रूप से जून से सितंबर तक मानसून रहता है। इस बार मानसून 8 जून को केरल से टकराया था। आमतौर पर 1 से 3 जून तक केरल के तट से टकराता है।

अगले 3-4 दिन में यहां से भी मानसून लौटेगा
आईएमएडी ने बताया कि जिस तरह से वेदर कंडीशंस हैं, उस लिहाज से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, राजस्थान-गुजरात के बाकी हिस्सों से अगले 3-4 दिन में मानसून लौट जाएगा।

मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में इस बार मानसून सीजन में 660 मिमी बारिश हुई। सामान्य रूप से राजधानी में 653 मिमी बारिश होती है।

मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में इस बार मानसून सीजन में 660 मिमी बारिश हुई। सामान्य रूप से राजधानी में 653 मिमी बारिश होती है।

अल नीनो का मानसून पर ज्यादा असर नहीं
आईएमडी के डीजी मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि देश में मानसून पर अल नीनो का ज्यादा असर नहीं दिखा। नॉर्थईस्ट मानसून से दक्षिणी प्रायद्वीप में सामान्य बारिश होने की संभावना है।

महापात्र ने यह भी बताया कि देश के पश्चिमोत्तर और प्रायद्वीपीय हिस्से में अक्टूबर से दिसंबर तक सामान्य बारिश हो सकती है। अक्टूबर के महीने में भारत के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से ज्यादा रह सकता है।

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