तेलंगाना CM बोले- झीलों के अतिक्रमण पर लगातार एक्शन होगा: किसी को नहीं बख्शेंगे, चाहे कोई कितना प्रभावशाली हो; साउथ एक्टर नागार्जुन का सेंटर भी तोड़ा

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हैदराबाद37 मिनट पहले

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CM रेवंथ रेड्‌डी रविवार (25 अगस्त) हैदराबाद में हरे कृष्ण मूवमेंट के एक समारोह में शामिल हुए।

तेलंगाना CM रेवंत रेड्‌डी ने कहा कि उनकी सरकार झीलों पर अतिक्रमण करने वालों को नहीं बख्शेगी।अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई जरूर होगी, भले ही वे कितने ही बड़े सेलिब्रिटी क्यों न हों। CM रेड्‌डी ने तेलुगु एक्टर नागार्जुन के हैदराबाद में बने कन्वेंशन सेंटर पर बुल्डोजर एक्शन के एक दिन बाद यह बयान दिया है।

हैदराबाद आपदा प्रतिक्रिया और संपत्ति संरक्षण एजेंसी (HYDRAA) ने 24 अगस्त को तम्मिडीकुंटा झील के बफर जोन के फुल टैंक लेवल में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।

राज्य सरकार ने एक बयान में कहा था कि एन-कन्वेंशन एफटीएल/बफर जोन में बना है और इसके पास किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन की परमिशन नहीं है।

एन कन्वेंशन सेंटर 6.69 एकड़ में बना था। इसे थुम्मिडीकुंटा झील की 3.30-3.40 एकड़ की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाया गया था।

एन कन्वेंशन सेंटर 6.69 एकड़ में बना था। इसे थुम्मिडीकुंटा झील की 3.30-3.40 एकड़ की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाया गया था।

रेवंथ बोले- भगवान कृष्ण की बात फॉलो कर रहा
CM रेवंथ हैदराबाद में हरे कृष्ण मूवमेंट के एक समारोह में शामिल हुए। जहां उन्होंने कहा कि वह भगवान कृष्ण के उपदेशों का पालन करेंगे। भगवान का कहना है कि लोगों की भलाई के लिए, संघर्ष के माध्यम से अधर्म को हराने के लिए धर्म का पालन करना चाहिए। मैं इसके तहत लोगों का कुछ भला करना चाहता हूं।

कार्यवाही का एकमात्र उद्देश्य इन झीलों को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराना है। हम उन्हें सख्ती से कुचलेंगे। हालांकि दबाव है, हम पीछे नहीं हटेंगे और हम उन अतिक्रमणों को हटाएंगे। झीलें भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं और लोग आजीविका के लिए उन पर निर्भर हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे झीलों और लोगों के हितों की रक्षा नहीं कर सके तो वे असली जनप्रतिनिधि नहीं होंगे।

नागार्जुन ने जताई थी नाराजगी
नागार्जुन ने इस कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने X में एक पोस्ट पर लिखा, ‘कोर्ट केसेस और स्टे ऑर्डर लेने के बाद भी गैरकानूनी तरीके से कन्वेंशन सेंटर को तोड़ा गया। हमने अवैध निर्माण नहीं किया। ये जगह पट्टा भूमि है। झील की एक इंच जमीन का इस्तेमाल नहीं किया। इस सेंटर से जुड़ी जितनी भी शिकायतें हुई थीं, उन पर स्टे ऑर्डर लिया गया था। आज गलत सूचना के आधार पर इसे तोड़ा गया है। सेंटर को तोड़ने से पहले हमें कोई नोटिस भी नहीं दिया गया था।’

हैदराबाद में अब केवल 185 झीलें हैं
शहर की झीलों की श्रृंखला को 1908 में एक बड़ी बाढ़ के बाद प्रसिद्ध इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की मदद से तत्कालीन निजाम प्रशासन ने डिजाइन किया गया था। झीलों के शहर के रूप में विख्यात हैदराबाद में अब जीएचएमसी और हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एचएमडीए) के आंकड़ों के अनुसार केवल 185 झीलें हैं।

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