तुम्हारे बच्चे हथियार क्यों नहीं उठाते?: जिस दिन इन लोगों से पूछ लेंगे ये सवाल, खत्म हो जाएगा जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू द्वारा प्रकाशित: प्रशांत कुमार अपडेट किया गया शुक्र, 27 अगस्त 2021 12:40 PM IST

सेना ने एक बार फिर स्थानीय युवाओं से आतंकवाद की राह छोड़ने की अपील करते हुए कहा है कि सेना हर वक्त दूसरा मौका देने में विश्वास रखती है। घाटी में तैनात सेना की 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने बीते सप्ताह एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जो कभी आतंकी बनने जा रहे थे वो आज हंसता खेलता जीवन जी रहे हैं। आप लोगों को देखकर ये संदेश दूर-दूर तक जा रहा है कि कश्मीर बदल रहा है। जम्मू-कश्मीर में शांति लौट रही है। पिछले तीन दशकों में जम्मू-कश्मीर के युवा सफेदपोशों के बहकावे में आकर बर्बाद हुए। इस हिंसा में दो तबके हैं। पहला तबका वह है जो आतंकी फैक्टरी चलाते हैं, जिनके बच्चे अच्छी जिंदगी जी रहे हैं। अपना भविष्य बना रहे हैं। ये लोग कश्मीर के युवाओं को बर्बाद कर पैसा कमा रहे हैं। दूसरा तबका वह है जो इनका शिकार होते हैं। इससे पीड़ित परिवार अपने बच्चों को खो देते हैं।

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