जून 2024 से पहले SGPC चुनाव संभव नहीं: मतदाता सूची तैयार- अपडेट करने में लगेंगे 45 दिन; अगले साल लोकसभा इलेक्शन भी

अमृतसर15 मिनट पहले

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) चुनावों को लेकर किए गए ट्वीट के बाद पंजाब राजनीति में हलचल शुरू हो चुकी है। आज गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में भी SGPC चुनाव को लेकर बातचीत हुई है। लेकिन अगर तथ्यों पर गौर करें तो भरपूर कोशिश के बाद भी SGPC के चुनाव जून 2024 से पहले करा पाना संभव नहीं है।

जानकारी अनुसार SGPC के चुनावों के लिए मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया 21 अक्टूबर से शुरू होगी। फिलहाल चुनाव कब हो सकते हैं या कब करवाए जाएंगे, इस पर किसी ने टिप्पणी नहीं की है। लेकिन देखना होगा कि 2024 में संसदीय चुनाव भी होने वाले हैं और फिलहाल प्राथमिकता संसदीय चुनाव की होगी। इसके साथ ही नगर परिषद व नगर निगम चुनाव भी बीते लंबे समय से पेंडिंग चल रहे हैं। जिन्हें आने वाले समय में करवाना आवश्यक है।

2011 में 52 लाख मतदाताओं ने लिया था भाग

SGPC के चुनाव को हुए 12 साल का समय बीत चुका है। इससे पहले SGPC चुनाव 2011 में हुए थे। जिसमें 52 लाख से अधिक ‘योग्य’ मतदाताओं ने भाग लिया था। तब से लेकर अभी तक 2011 में चुनी गई बॉडी ही सर्वसम्मति के साथ प्रधान का चुनाव करती आ रही है।

12 सालों बाद मतदाता सूची में बदलाव व मतदाताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया एक समय लेने वाली प्रक्रिया होगी। SGPC चुनाव में हरियाणा के सिखों की भूमिका पर स्पष्टता की कमी भी बाधा बनेगी।

45 दिन का लगेगा समय

अमृतसर के डीसी अमित तलवार ने कहा कि जब भी राज्य सरकार से आधिकारिक सूचना प्राप्त होगी, मतदाताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। हमें सूची तैयार करने या मौजूदा मतदाता सूची को अपडेट करने में 45 दिन लगेंगे। इसके बाद, चुनाव करवाए जा सकते हैं।

वहीं, SGPC सदस्य किरणजोत कौर ने कहा कि CM भगवंत मान और राज्य प्रशासन सिख चुनाव प्रक्रिया से अनजान हैं। SGPC चुनावों के लिए योग्य मतदाताओं के पंजीकरण की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की जानी है। वहीं, 25 मई को SGPC चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त, न्यायमूर्ति एसएस सरोन (रिटायर्ड) ने पंजाब के मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और सभी डीसी को नए SGPC चुनावों के लिए मतदाता सूची तैयार करने के लिए लिखा था।

मई महीने में जारी हुए आदेश।

मई महीने में जारी हुए आदेश।

2016 को होने थे चुनाव

SGPC की स्थापना वर्ष 1920 में 16 नवंबर को गुरुद्वारा सुधार आंदोलन के साथ हुई थी। सिखों की मिनी संसद के नाम से पहचान रखने वाली SGPC के चुनाव अंतिम बार 2011 में करवाए गए थे। हर 5 सालों के बाद होने वाले यह चुनाव 2016 में दोबारा करवाए जाने थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। तब से लेकर अब तक हर साल 2011 के चुने गए सदस्यों की रजामंदी से ही प्रधान चुना जाता रहा है।

170 सदस्यों का होता है चुनाव

SGPC में कुल सदस्यों की संख्या 191 है। इसमें 170 सदस्य चुने हुए, 15 मनोनीत, 5 तख्तों के प्रमुख और 1 हेड ग्रंथी स्वर्ण मंदिर के होते हैं। कुल मतदाताओं की संख्या 56,40,943 है। 2011 में हुए चुनाव के अनुसार सबसे ज्यादा वोटर पंजाब (52.69 लाख) से हैं। इसके अलावा हरियाणा के 3.37 लाख, 23,011 हिमाचल प्रदेश और 11,932 वोटर चंडीगढ़ से हैं।

बीते साल ही हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद अलग से गठन किया गया। SGPC के इन चुनावों में इस साल यह वोटर रहेंगे या नहीं, इस पर अभी संशय बना हुआ है।

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