4 घंटे पहले
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कैप्टन अमरिंदर सिंह राजिंदर कौर भट्ठल से मिलने उनके घर पहुंचे थे। (फाइल फोटो)
पंजाब में 2002-07 तक रही कांग्रेस की सरकार के समय भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने की कोशिश हो चुकी है। कांग्रेस की सीनियर लीडर राजिंदर कौर भट्ठल की अगुआई में इस पूरे सियासी घटनाक्रम की रूपरेखा तैयार हुई थी।
2002 में कैप्टन के पंजाब का मुख्यमंत्री बनते ही राजिंदर कौर भट्ठल ने खुलेआम उन्हें सीएम पद से हटाने की चेतावनी दी थी। 2003 में उन्होंने इसके लिए कोशिश भी की और 40 विधायकों के साथ दिल्ली पहुंची थीं। इस दौरान दोनों नेता एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर बोलते रहे। बाद में सोनिया गांधी ने बीच बचाव किया और राजिंदर कौर भट्ठल को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। साथ ही विरोध करने वाले नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी गई थी। उसके बाद यह विवाद खत्म हो गया था।
कांग्रेस हाईकमान 2017 से कैप्टन का विकल्प खोज रहा था
2017 के चुनाव से पहले जिस तरह से कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाईकमान को शक्ति प्रदर्शन कर दिखाया था, तभी से उनके स्तर का नेता तलाशा जा रहा था। इसी दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस जॉइन की और उसी भूमिका में आ गए जिसमें पहले राजिंदर कौर भट्ठल थीं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ फिर से 2003 वाली स्थिति पैदा हो गई।
2002 में ली गई कैप्टन अमरिंदर सिंह और राजिंदर कौर भट्ठल की फोटो।
हरचरण सिंह बराड़ को हटाकर कुर्सी पर बैठी थीं भट्ठल
हरचरण सिंह बराड़ को 31 दिसंबर 1995 को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि राजिंदर कौर भट्ठल की वजह से ही उन्हें बाद में इस्तीफा देना पड़ा था। इस प्रकरण के बाद 21 नवंबर 1996 को राजिंदर कौर भट्ठल को मुख्यमंत्री बनाया गया। हरचरण सिंह बराड़ 1 साल 82 दिन तक मुख्यमंत्री रहे और राजिंदर कौर भट्ठल भी मात्र 82 दिन ही मुख्यमंत्री पद बनी रही थीं। वे 1997 का विधानसभा चुनाव हार गई थीं।
राजिंदर कौर भट्ठल से घर जाकर मिले थे कैप्टन
तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा के घर पर विधायकों की बैठक के बाद कैप्टन ने भी अपने पक्ष में लॉबिंग शुरू कर दी। राजनीतिक विरोधी रहीं राजिंदर कौर भट्ठल से मिलने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह 27 अगस्त को उनके घर गए थे। दोनों मिले भी, लेकिन उनके बीच की दूरियां कम नहीं हुईं। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने राजनीतिक विरोधी प्रताप सिंह बाजवा समेत कुछ अन्य नेताओं से भी नजदीकी बढ़ाने की कोशिश की। हालांकि, इसमें काफी देर हो चुकी थी और ये सभी नेता उनसे दूर जा चुके थे।
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