जज की मौत का मामला: रिमांड में दोनों आरोपी बदलते रहे बयान, भेजा गया जेल

सार

सीबीआई ने 4 अक्तूबर को दोनों आरोपियों को तीसरी बार रिमांड पर लिया था। लेकिन अब तक आरोपियों से कोई सुराग नहीं निकलवा सकी।

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धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों को सोमवार को उनकी सात दिन की सीबीआई रिमांड समाप्त होने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 49 वर्षीय जिला न्यायाधीश को 28 जुलाई को धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास जॉगिंग करते समय एक भारी ऑटोरिक्शा ने टक्कर मार दी थी। ऑटो रिक्शा ड्राइवर तुरंत मौके से भाग गया था।

दिल्ली से सीबीआई की एक टीम ने ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को सीबीआई के न्यायिक मजिस्ट्रेट और विशेष मजिस्ट्रेट अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में पेश किया और उनकी न्यायिक हिरासत की मांग की।

एजेंसी की दलील सुनने के बाद अदालत ने लखन और राहुल को न्यायिक हिरासत में धनबाद जेल भेज दिया। सीबीआई ने 4 अक्तूबर को दोनों आरोपियों को तीसरी बार रिमांड पर लिया था। सीबीआई ने इसकी 11 दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन अदालत ने 7 दिन के लिए ही रिमांड पर भेजा था।

लगातार बयान बदलते रहे आरोपी
इस केस में सीबीआई की मदद कर रहे विशेष पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनों आरोपी किसी पेशेवर अपराधी की तरह लगातार अपना बयान बदल रहे हैं। झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि सीबीआई द्वारा पेश की गई जांच रिपोर्ट अस्पष्ट है और उसने एजेंसी को धनबाद न्यायाधीश की मौत के मामले में अपनी जांच में अधिक विशिष्ट होने का आदेश दिया था।

विस्तार

धनबाद के न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों को सोमवार को उनकी सात दिन की सीबीआई रिमांड समाप्त होने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 49 वर्षीय जिला न्यायाधीश को 28 जुलाई को धनबाद के रणधीर वर्मा चौक के पास जॉगिंग करते समय एक भारी ऑटोरिक्शा ने टक्कर मार दी थी। ऑटो रिक्शा ड्राइवर तुरंत मौके से भाग गया था।

दिल्ली से सीबीआई की एक टीम ने ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को सीबीआई के न्यायिक मजिस्ट्रेट और विशेष मजिस्ट्रेट अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में पेश किया और उनकी न्यायिक हिरासत की मांग की।

एजेंसी की दलील सुनने के बाद अदालत ने लखन और राहुल को न्यायिक हिरासत में धनबाद जेल भेज दिया। सीबीआई ने 4 अक्तूबर को दोनों आरोपियों को तीसरी बार रिमांड पर लिया था। सीबीआई ने इसकी 11 दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन अदालत ने 7 दिन के लिए ही रिमांड पर भेजा था।

लगातार बयान बदलते रहे आरोपी

इस केस में सीबीआई की मदद कर रहे विशेष पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनों आरोपी किसी पेशेवर अपराधी की तरह लगातार अपना बयान बदल रहे हैं। झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि सीबीआई द्वारा पेश की गई जांच रिपोर्ट अस्पष्ट है और उसने एजेंसी को धनबाद न्यायाधीश की मौत के मामले में अपनी जांच में अधिक विशिष्ट होने का आदेश दिया था।

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