जग्गू भगवानपुरिया ने कराई राणा कांधोवालिया की हत्या: फेसबुक पोस्ट डाल ली जिम्मेदारी; जग्गू, जगरोशन और मनी रईया पर FIR, सिर-छाती, टांग और लीवर के आर-पार हुई गोलियां

अमृतसर6 घंटे पहले

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गैंगस्टर राणा कंधोवालिया के शव को लेकर जाते परिजन।

पंजाब के अमृतसर जिले में गैंगस्टर राणा कांधोवालिया की हत्या जग्गू भगवानपुरिया ने कराई है। उसने फेसबुक पर पोस्ट डालकर इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। वहीं राणा कांधोवालिया का पोस्टमार्टम हो गया है। मेडिकल कॉलेज की फॉरेंसिक लैब से आए एक्सपर्ट ने पोस्टमार्टम किया, जिसमें गैंगस्टर के शरीर से कोई गोली नहीं मिली। बताया जा रहा है कि सभी गोलियां कांधोवालिया के सिर, छाती, टांग और लीवर के आर-पार हो गईं। शव परिजनों को सौंप दिया गया है, जो अब गांव चले गए हैं। वहीं शाम को अंतिम संस्कार कर दिया गया। उधर, मृतक राणा के पिता सत्यावरणजीत सिंह के बयानों पर पुलिस ने जग्गू भगवानपुरिया, मनी रईया और तरनतारन के जगरोशन हुंदल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

जग्गू भगवानपुरिया द्वारा फेसबुक पर डाली गई पोस्ट।

जग्गू भगवानपुरिया द्वारा फेसबुक पर डाली गई पोस्ट।

अस्पताल में घुसकर मारी थीं गोलियां

केडी अस्पताल में घुसकर मंगलवार रात को गैंगस्टर राणा कांधोवालिया की गोलियां मारकर हत्या की गई थी। वारदात को अंजाम देने 5 युवक स्विफ्ट कार में आए थे। एक नीचे कार में था। 4 अस्पताल के अंदर गए थे और दो ने गोलियां चलाई थीं। वहीं पुलिस ने गैंगस्टर की डेड बॉडी सारी रात अस्पताल में ही रखी, क्योंकि कंधोवालिया की हत्या की खबर फैलते ही उसके समर्थक अस्पताल के बाहर जुट गए थे। इसलिए पुलिस को माहौल बिगड़ने का डर था।

5 संदिग्ध CCTV में नजर आए

वहीं गैंगस्टर की हत्या मामले की जांच में जुटी पुलिस के हाथ एक सुराग लगा है। अस्पताल की CCTV फुटेज में पुलिस को 5 संदिग्ध चेहरे नजर आए हैं और पता चला है कि आरोपी स्विफ्ट कार में आए थे। पुलिस ने कुछ और संदिग्धों की सूची भी तैयार की है।

गैंगस्टर राणा कांधोवालिया का फाइल फोटो।

गैंगस्टर राणा कांधोवालिया का फाइल फोटो।

रेकी करके अंजाम दी गई वारदात
पता चला है कि कई मामलों में नामजद यह शख्स पिछले तीन दिन से अस्पताल में दाखिल अपनी एक रिश्तेदार महिला से मिलने रोज आता था और इसी दौरान उसकी रेकी की जा रही थी। मंगलवार को मौका पाकर अस्पताल की तीसरी मंजिल पर उसकी हत्या कर दी गई। हत्या की खबर फैलते ही कंधोवालिया के समर्थक अस्पताल के बाहर एकत्रित हो गए थे।

डाटा बेस से 5 संदिग्धों के चेहरे ट्रेस

पुलिस अधिकारियों ने सबसे पहले अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया। सीसीटीवी से मिलान करने के बाद अपने डाटा बेस से पुलिस ने 5 संदिग्धों के चेहरे ढूंढे हैं। पुलिस का अनुमान है कि यह चेहरे ही इस घटना को अंजाम देने के लिए पहुंचे थे। वहीं पुलिस फिलहाल कुछ संदिग्धों की लिस्ट भी तैयार कर रही है, जो कंधोवालिया को मारना चाहते थे।

अस्पताल के बाहर भी पुलिस को गोलियों के खोल मिले।

अस्पताल के बाहर भी पुलिस को गोलियों के खोल मिले।

सीसीटीवी फुटेज से ट्रेस करने का प्रयास

सिविल लाइन एरिया और सर्कुलर रोड पर पुलिस सहायता के लिए पहले से ही सीसीटीवी लगे हैं। पुलिस ने रात से ही इन सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया था, ताकि स्पष्ट हो सके कि आरोपी रात की घटना को अंजाम देने के बाद किस तरफ भागे हैं।

बचाने आए साथी और गार्ड को भी मारीं गोलियां

नकाबपोशों ने गैंगस्टर के एक साथी तेजबीर सिंह उर्फ नंगली काे भी दाे गाेलियां मारीं हैं। उन्होंने अस्पताल से बाहर निकलते हुए अस्पताल के गार्ड अरुण कुमार की पीठ पर भी गाेली मार दी थी।

मनी को 2016 में पकड़ा था एसटीएफ ने

एफआईआर के बाद अब पुलिस जग्गू भगवानपुरिया को दिल्ली तिहाड़ जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाने की तैयारी में है। 2016 में मनप्रीत सिंह उर्फ मनी रईया को एसटीएफ की टीम ने तरनतारन से गिरफ्तार किया था। उसके साथ गोरू बच्चा भी था। 18 अगस्त 2016 को एसटीएफ को सूचना मिली थी कि गैंगस्टर तरनतारन में हैं तो एसटीएफ ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया था। इस दौरान दोनों आरोपियों और एसटीएफ के बीच गोली बारी भी हुई थी। लेकिन अंत में एसटीएफ ने मनी रईया को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन पिछले कुछ समय से यह बेल पर था।

जगरोशन हुंदल भी है बेल पर

सितंबर 2019 को तरनतारन पुलिस ने जगरोशन हुंदल को भारी मात्रा में हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था। जिसके बाद जगरोशन भी बेल पर बाहर ही था। जगरोशन को जग्गू का खास माना जाता है। वहीं कुछ माह पहले जगरोशन के घर राणा कंदोवालिया हथियार लेकर पहुंच गया था और उसे मारने की धमकियां दी थी। जिसके बाद से ही जग्गू के हिट लिस्ट पर एक बार फिर राणा कंदोवालिया आ गया था।

सीसीटीवी से पता चला, बाईपास की तरफ भागे खूनी

राणा कंदोवालिया का मर्डर करने वाले सभी लुटेरों को सर्कुलर रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरों पर ट्रेस किया गया। सीसीटीवी कैमरों से पता चला कि लुटेरे ट्रीलियम मॉल से होते हुए रत्न सिंह और फिर बाईपास की तरफ चले गए। बाईपास पर सीसीटीवी कैमरे ना लगे होने के कारण उनकी आगे की लोकेशन पता नहीं चल पायी है।

अस्पताल प्रशासन से भी होगी पूछताछ

पुलिस जल्द ही अस्पताल प्रशासन व कर्मचारियों से भी पूछताछ करने वाला है। पुलिस को पूरा यकीन है कि अस्पताल से ही किसी कर्मचारी या वहां मौजूद किसी शक्स ने घटना को अंजाम देने वालों को पूरी जानकारी दी है। आराेपी सीधा ही तीसरी मंजिल आईसीयू के बाहर गए, जिससे स्पष्ट होता है कि आरोपियों को किसी ने पहले ही राणा की लोकेशन पूरी तरह से समझा दी थी।

सिटी व रूरल पुलिस की टीमें गठित

इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए सिटी व रूरल पुलिस की टीमों को गठित कर दिया गया है। दोनों मिल कर इस मामले को सुलझाने वाली हैं। यह घटना चाहे सिटी पुलिस के एरिया में हुई है, लेकिन आरोपी रूरल पुलिस के एरिया के हैं। ऐसे में दोनों पुलिस प्रशासनों ने मिलकर टीमें बनाई हैं, ताकि आरोपियों तक पहुंचा जा सके।

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