चीनी सैनिकों से टकराने वाले भारतीय सैनिकों का सम्मान: सेना ने वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किया, फिर डिएक्टिवेट; वजह साफ नहीं

नई दिल्ली12 मिनट पहले

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लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को भारत-चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी।

सेना की वेस्टर्न कमांड ने अपने यूट्यूब चैनल पर 13 जनवरी को एक वीडियो अपलोड किया। इसमें कुछ सैनिकों को सम्मानित करते दिखाया गया। इन सैनिकों ने सितंबर 2021 और नवंबर 2022 के बीच दो बार चीनी सेना की घुसपैठ को नाकाम किया था। हालांकि सोमवार (16) जनवरी को यह वीडियो डीएक्टिवेट कर दिया। सेना ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। यह सम्मान समारोह पश्चिमी कमान के मुख्यालय में हुआ जो हरियाणा में पंचकुला स्थित चंडीमंदिर में है।

यह जानकारी न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ ने मंगलवार 16 जनवरी 2024 को अपनी एक रिपोर्ट में दी है।

साढ़े तीन साल में कई बार चीनी घुसपैठ की कोशिशें हुईं
पिछले साढ़े तीन सालों में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच LAC पर झड़प की कई घटनाएं हुईं। चीनी सैनिकों ने मई 2020 में LAC के तवांग सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश की। इस पर दोनों सेनाओं के बीच झड़प हुई। फिर जून 2020 में गलवान घाटी में झड़प हुई। इसके बाद से भारतीय सेना 3,488 किमी लंबी LAC पर हाई अलर्ट पर है।

तब रक्षामंत्री ने सदन में दी थी जानकारी
9 दिसंबर, 2022 को भी चीनी सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में LAC का उल्लंघन करने की कोशिश की थी। चीनी कोशिश का भारतीय सैनिकों ने दृढ़तापूर्वक जवाब दिया। इसकी जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 13 दिसंबर 2022 को संसद में दी थी।

उन्होंने बताया कि झड़प के बाद हाथापाई हुई, जिसमें भारतीय सेना ने बहादुरी से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोका और उन्हें अपनी चौकियों पर लौटने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि हाथापाई में दोनों तरफ के फौजियों को चोटें आईं।

सिंह ने कहा, “मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करना जारी रखेंगी। मुझे विश्वास है कि यह पूरा सदन हमारे सैनिकों के बहादुरी भरे प्रयास में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट रहेगा।

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