घरौंडा महापंचायत के बाद अब 7 सितंबर पर नजरें: 3 मांगें पूरी नहीं हुई तो करनाल में लघु सचिवालय घेराव घेरेंगे किसान, टिकैत का न पहुंचना बना चर्चा का विषय

करनाल44 मिनट पहले

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महापंचायत में मौजूद किसान।

हरियाणा के जिले करनाल की घरौंडा अनाज मंडी में महापंचायत के बाद अब प्रदेश के लोगों की निगाहें 7 सितंबर पर हैं। घरौंडा में 4 प्रदेशों के किसान नेताओं ने 3 घंटे तक हुई महापंचायत में सरकार को 3 मांगें पूरी करने के लिए 6 सितंबर तक का समय दिया है। अगर समय रहते सरकार मांगों को पूरा नहीं करती तो 7 सितंबर को करनाल की अनाज मंडी में महापंचायत कर किसान लघु सचिवालय का घेराव करेंगे।

महापंचायत में राकेश टिकैत का न पहुंचना चर्चा का विषय बना रहा।

महापंचायत में राकेश टिकैत का न पहुंचना चर्चा का विषय बना रहा।

टिकैत का महापंचायत में न आना बना चर्चा
महापंचायत में राकेश टिकैत का न पहुंचना चर्चा का विषय बना रहा। क्योंकि एक दिन पहले खुद टिकैत ने घरौंडा में महापंचायत की बात कही थी। वहीं महापंचायत में टिकैत के न आने के सवाल पर गुरनाम सिंह चढूनी सफाई देते दिखे। चढूनी ने कहा कि ये प्रदेश स्तरीय पंचायत थी। यहां पर चर्चा करके फैसले को संयुक्त मोर्चा के पास भेजना है। संयुक्त मोर्चा के 2 सदस्य आए हुए थे। उन्होंने तर्क दिया कि टिकैत 5 सितंबर को यूपी में होने वाली रैली को लेकर भी व्यस्त हैं।

अब हरियाणा के संगठनों में एकता की बात
वहीं महापंचायत में जो फैसले हुए हैं, उनमें एक हरियाणा के सभी किसान संगठनों के एकजुट होने के संबंध में है। अब हरियाणा के संगठन एक मंच पर आकर अपने मुद्दों पर चर्चा करेंगे और एक मांगपत्र संयुक्त मोर्चा के सामने रखेंगे। ऐसे में हरियाणा के किसान संगठनों में फूट की बात एक बार फिर सामने आई है। हालांकि चढूनी का कहना था कि संयुक्त किसान मोर्चा जो भी आदेश करेगा, उसका पालन किया जाएगा। आगे से प्रदेश का कोई भी किसान संगठन आंदोलन को अलग-अलग नहीं चलाएगा।

महापंचायत में हिस्सा लेने पहुंचती महिलाएं।

महापंचायत में हिस्सा लेने पहुंचती महिलाएं।

महापंचायत में बसताड़ा की घटना को बताया षड्यंत्र
विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि बसताड़ा की घटना किसानों को निशाना बनाने के लिए षड्यंत्र था। उन्होंने उम्मीद जताई कि यूपी की महापंचायत में पूरे हरियाणा से भारी संख्या में लोग पहुंचेंगे। सांगवान ने कहा कि वे किसान आंदोलन में सहयोग के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। वहीं उत्तर प्रदेश से पहुंची पूनम पंडित ने कहा कि यहां पर कम और ज्यादा जमीन वालों का पूरा सम्मान है। हम एकता के साथ सरकार का मुकाबला कर रहे हैं।

किसानों की लगी एक-एक चोट का हिसाब लेंगे
चंडीगढ़ से आईं राजकौर गिल ने कहा कि जिन किसानों को चोट लगी है, उनकी एक-एक चोट का बदला लिया जाएगा। पंचायत के आदेश पर गोली भी खानी पड़ी, तो वह सबसे पहले आगे आएंगी। वहीं पंजाब के नेता और भाकियू (पंजाब) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरमल सिंह ने कहा कि लाठीचार्ज में शामिल अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए। जब तक ऐसा करने वालों को जेल नहीं होगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

महापंचायत में ये भी रहे मौजूद
भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, सांगवान खाप पंचायत के अध्यक्ष एवं विधायक सोमवीर सांगवान, भाकियू प्रदेश उपाध्यक्ष रामफल कंडेला, किसान सभा नेता सतबीर सिणद, किसान नेता जसबीर पानीपत, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब से कंवरप्रीत पन्नू, पंजाब के सतनाम सिंह बेहरू, मलखान नंबरदार, भारतीय संघर्ष समिति सदस्य मनदीप नथवान, हरदीप सिंह, पंजाब के गुरमल सिंह, किसान सम्मान समिति से गुरनाम सिंह, टोल बचाओ संघर्ष समिति सदस्य वीरेंद्र हुड्‌डा, राष्ट्रीय किसान संगठन सदस्य जसबीर सिंह, खेती बचाओ समिति के सचिव जरनैल सिंह, भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष दलबीर रेडू, संयुक्त मोर्चा के सदस्य बख्तावर सिंह, संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब बूटा सिंह शादीपुर, उत्तर से पूनम पंडित, जींद से आजाद पातवा, हिसार से काला कनोह, मकड़ौली टोल धरना से जयपाल, रामायण टोल से रणबीर सूबेदार, विनोद राणा, सुमन हुड्‌डा आदि शामिल रहे।

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