गुजरात: मार्बल कंपनी ने झारखंड के 13 मजदूरों को बनाया बंधक, पैसे मांगने पर मारपीट का आरोप

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची

द्वारा प्रकाशित: प्रशांत कुमार झा
अपडेट किया गया गुरु, 04 नवंबर 2021 07:59 AM IS

सार

कुछ महीने पहले झारखंड के दर्जन भर से ज्यादा मजदूरों को 15 हजार रुपये  के वेतन का झांसा देकर राजकोट स्थित एक मार्बल कंपनी में ले जाया गया था। मजदूरों का आरोप है कि फैक्ट्री में न केवल उनसे जबरन काम कराया जाता था, बल्कि उनके मारपीट भी की जाती थी।

मजदूरों की रिहाई
– फोटो : सोशल मीडिया

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गुजरात में एक कंपनी मालिक पर मजदूरों को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। राजकोट में बंधक बनाए गए 13 मजदूर झारखंड के हैं। मालिक पर मजदूरों को मुक्त करने के लिए 25 हजार रुपये मांगे का भी आरोप लगा है। हालांकि, सभी हेमंत सरकार के दखल के बाद मजदूरों छोड़ दिया गया है। दिवाली से पहले सकुशल घर वापसी भी हो गई है। ये सभी मजदूर मुंबई मेल एक्सप्रेस से धनबाद पहुंचे। झारखंड सरकार के हस्तक्षेप के बाद इन मजदूरों को छोड़ा गया। राजकोट में दर्जनभर से ज्यादा मजदूरों को बंधक बनाए जाने की घटना को सरकार के स्तर पर गंभीरता से लिया गया और उन्हें मुक्त कराने की पहल शुरू की गई थी

ब्रेजा टाइल्स कंपनी मोरगी कुछ दिनों पहले ही बोकारो और धनबाद से दर्जनभर मजदूर को लेकर राजकोट गए थे।  वहां करीब 13 मजदूर इसी कंपनी में काम कर रहे थे, शुरुआत में तो सब ठीक ठाक चला, लेकिन पैसे मांगने का जब समय आया तो मालिक आजकल करने लगे। इसके बाद मजदूरों ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसपर मालिक ने सभी मजदूरों को बंधक बना लिया और पैसे मांगने पर पिटाई करने लगे। मजदूरों ने इसकी शिकायत अपने-अपने घर वालों से की। मजदूरों की सकुशल वापसी में समाजसेवी अंकित राजगढ़िया की भूमिका अहम रही।

छुट्टी और पैसे मांगने पर मारपीट का आरोप
राजकोट से धनबाद स्टेशन पहुंचने वाले मजदूरों में गोरमारा के गुड्डू कुमार नाम के मजदूर ने बताया मार्बल फैक्ट्री में उनसे जबरन काम लिया जा रहा था। छुट्टी और वेतन की मांग करने पर मारा-पीटा जाता था। घर वापसी के लिए उल्टे 25 हजार रु देने का भी दबाव बनाया जा रहा था।

विस्तार

गुजरात में एक कंपनी मालिक पर मजदूरों को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। राजकोट में बंधक बनाए गए 13 मजदूर झारखंड के हैं। मालिक पर मजदूरों को मुक्त करने के लिए 25 हजार रुपये मांगे का भी आरोप लगा है। हालांकि, सभी हेमंत सरकार के दखल के बाद मजदूरों छोड़ दिया गया है। दिवाली से पहले सकुशल घर वापसी भी हो गई है। ये सभी मजदूर मुंबई मेल एक्सप्रेस से धनबाद पहुंचे। झारखंड सरकार के हस्तक्षेप के बाद इन मजदूरों को छोड़ा गया। राजकोट में दर्जनभर से ज्यादा मजदूरों को बंधक बनाए जाने की घटना को सरकार के स्तर पर गंभीरता से लिया गया और उन्हें मुक्त कराने की पहल शुरू की गई थी

ब्रेजा टाइल्स कंपनी मोरगी कुछ दिनों पहले ही बोकारो और धनबाद से दर्जनभर मजदूर को लेकर राजकोट गए थे।  वहां करीब 13 मजदूर इसी कंपनी में काम कर रहे थे, शुरुआत में तो सब ठीक ठाक चला, लेकिन पैसे मांगने का जब समय आया तो मालिक आजकल करने लगे। इसके बाद मजदूरों ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसपर मालिक ने सभी मजदूरों को बंधक बना लिया और पैसे मांगने पर पिटाई करने लगे। मजदूरों ने इसकी शिकायत अपने-अपने घर वालों से की। मजदूरों की सकुशल वापसी में समाजसेवी अंकित राजगढ़िया की भूमिका अहम रही।

छुट्टी और पैसे मांगने पर मारपीट का आरोप

राजकोट से धनबाद स्टेशन पहुंचने वाले मजदूरों में गोरमारा के गुड्डू कुमार नाम के मजदूर ने बताया मार्बल फैक्ट्री में उनसे जबरन काम लिया जा रहा था। छुट्टी और वेतन की मांग करने पर मारा-पीटा जाता था। घर वापसी के लिए उल्टे 25 हजार रु देने का भी दबाव बनाया जा रहा था।

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