कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में 11 पर इनाम घोषित: 2 आरोपियों के लिए 2-2 लाख रुपए तो रोहतक के एक युवक समेत 9 पर 50-50 हजार पुरस्कार का ऐलान, सिपाही प्रवेश लिस्ट से बाहर

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  • कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में रोहतक के एक आरोपित समेत वांछित नौ पर 50 50 हजार, दो पर 2 2 लाख, रोहतक के मुख्य आरक्षक की सूची से बाहर इनामी सूची

रोहतक9 मिनट पहले

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हरियाणा के बहुचर्चित कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में गुरुवार को नया मोड आ गया। DGP PK अग्रवाल ने इस प्रकरण के 11 आरोपियों को वांटेड की लिस्ट में डालकर इनामी घोषित कर दिया है। इनमें से 2 की जानकारी देने पर 2-2 लाख, जबकि रोहतक के एक आरोपी समेत बाकी 9 को पकड़वाने के एवज में 50-50 हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा। हालांकि इस फेहरिस्त से झज्जर के महमूदपुर गांव का रहने वाला प्रवेश बाहर है, जो रोहतक में कॉन्स्टेबल के पद पर सेवारत है। हालांकि समझ से परे का मसला है कि रोहतक, सोनीपत बेल्ट के पेपर लीक मामले के आरोपियों का सरगना रहे इस शख्स पर इतना रहम-ओ-करम किस बात का।

मिली जानकारी के अनुसार कॉन्स्टेबल प्रवेश हर लाभार्थी से 3 लाख रुपए लेता था। उसके पिता रोहतक पुलिस में बतौर एसआई कार्यरत है। हाल में उनकी ड्यूटी 112 नंबर हेल्पलाइन की गाड़ी पर लगी हुई है। उनकी पत्नी भी सरकारी विभाग में कार्यरत हैं। मामले में उसकी भूमिका सामने आने के तीन दिन बाद तक सिपाही अपनी ड्यूटी पर भी आया। हालंकि वह पहले एक डीएसपी की सुरक्षा में बतौर गनमैन नियुक्त था, मगर मामला सामने आते ही उसकी बदली एक थाने में की गई। वहां उसने दो दिन ड्यूटी की और फिर तीसरे दिन से वह थाने में भी आना छोड़ गया। दो दिन बाद उसके परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे भी संपर्क नहीं हो पाया। उसके भूमिगत हो जाने से अब करनाल-कैथल सहित रोहतक पुलिस को भी उसकी तलाश है। हालाकि पुलिस सूत्रों की मानें तो आरोपी सिपाही अनेक बार अफसरों के दरबार में अपने बचाव के लिए आया है, मगर मामला प्रदेशभर में प्रचलित है, जिस वजह अफसर उसकी मदद नहीं कर पा रहे हैं। बावजूद इसके उसे न जाने क्यों इनाम की श्रेणी से रोहतक के सरगना सिपाही प्रवेश को बाहर क्यों रखा गया है।

पेपर लीक में रोहतक के आरोपियों की ये है भूमिका
करनाल जिले के इंद्री रोड पर गांव दरड़ के पास ग्रीनलैंड पब्लिक स्कूल में बनाए गए परीक्षा केंद्र पर पकड़े गए रोहतक के टिटौली निवासी अजय ने अपने गांव के ही अभिमन्यु से सात लाख रुपए में आंसर की खरीदी थी। अभिमन्यु ने आंसर की गांव गद्दी खेड़ी जिला रोहतक निवासी सचिन से 14 लाख रुपये में खरीदी थी, जबकि सचिन ने आंसर की का सौदा मूल रूप से पेंटावास, चरखी दादरी के सोनू से किया था। फिलहाल वह रोहतक में रह रहा था। सोनू पहले रोहतक में ही कोचिग सेंटर चलाता था। गिरफ्तारी के बाद अभिमन्यु ने पुलिस पूछताछ में यह खुलासा किया था।

इसके बाद पुलिस ने सचिन को भी गिरफ्तार कर लिया था। आंसर की मामले की सबसे पहली कड़ी के तौर पर सोनू मुख्य रूप से उभरकर सामने आया तो पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए थे। चौथे आरोपी उन्नत ने पूछताछ में बताया कि वह परीक्षा से एक दिन पहले आरोपित सचिन व अभिमन्यु के साथ अपना परीक्षा केंद्र ढूंढने करनाल आया था। आरोपी उन्नत अभिमन्यु व सचिन के साथ परीक्षा केंद्र पर जिस गाड़ी में बैठकर आया था, आरोपी के कब्जे से वह गाड़ी भी बरामद कर ली गई है।

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