केरल के मलप्पुरम में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध: निपाह वायरस से मौत के बाद 126 लोगों को आइसोलेट किया, कंटेनमेंट जोन बनाए

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केरल3 घंटे पहले

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केरल सरकार ने मंगलवार को मलप्पुरम जिले में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लागू किए हैं। सरकार ने यह कदम निपाह वायरस से 2 लोगों की मौत के बाद उठाया।

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले 126 लोगों को कंटेनमेंट जोन में आइसोलेट कर दिया गया है।

इस साल जुलाई में वायरस से 14 साल के लड़के की मौत हुई थी। 5 सितंबर को 24 साल के लड़के की जान गई थी।

2018 में केरल में निपाह वायरस से 17 मौतें हुई थीं। तब से अब तक राज्य में 5 बार निपाह वायरस ने दस्तक दी है।

निपाह वायरस का केरल में मिला दूसरा केस।

निपाह वायरस का केरल में मिला दूसरा केस।

मलप्पुरम में लॉकडाउन जैसे 5 प्रतिबंध

  • मलप्पुरम की 2 पंचायतों में 5 वार्ड बनाए गए हैं। इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है।
  • लोगों को बड़ी संख्या में इकट्ठा न होने के निर्देश जारी किए गए। कंटेनमेंट जोन में दुकानें शाम 7 बजे तक बंद हो जाएंगी।
  • सिनेमा हॉल, स्कूल, कॉलेज, मदरसा, आंगनवाड़ी और ट्यूशन सेंटर्स बंद रहेंगे।
  • भीड़भाड़ में लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। मलप्पुरम में भी आंशिक रूप से ये प्रतिबंध लागू होंगे।
  • शादी, अंतिम संस्कार और दूसरे कार्यक्रमों में लोगों की संख्या कम रखने की सलाह दी गई है।

संक्रमित के संपर्क में 176 लोग आए, 104 लोग रिस्क जोन में केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में 176 लोग आए हैं, इनमें से 74 हेल्थ वर्कर हैं। 126 लोग प्राइमरी कॉन्टैक्ट लिस्ट में हैं, जिनमें से 106 लोग रिस्क जोन में हैं, 10 लोगों का इलाज जारी है। दूसरी लिस्ट में 49 लोग हैं। 13 अन्य लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

निपाह कितना खतरनाक, 5 पॉइंट्स

  • यह इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। अमेरिका स्थित सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, निपाह वायरस से संक्रमित 40% से 75% तक लोगों की मृत्यु हो जाती है। मृत्यु दर 75% तक है।
  • भारत जैसे अधिक आबादी वाले और विकासशील देशों में यह अधिक घातक साबित होता है।
  • यह वायरस मुख्य रूप से जानवरों से इंसानों में फैलता है। लेकिन यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है।
  • संक्रमित व्यक्ति के पास जाने वालों को सुरक्षात्मक उपकरण (PPE) किट पहनना जरूरी होता है।
  • यह इतना संक्रामक है कि सांस से निकली छोटी बूंदों से भी फैल सकता है। इसका मतलब यह है कि अगर संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो यह वायरस हवा के जरिए फैल सकता है।

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केरल के मलप्पुरम में निपाह वायरस से संक्रमित एक 14 साल के किशोर की मौत हो गई। यह राज्य में इस साल निपाह वायरस से होने वाली पहली मौत है। इसके बाद से राज्य सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। मृत किशोर के परिजनों को आइसोलेशन और निगरानी में रखा गया है। उस परिवार का एक सदस्य ICU में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, निपाह एक जूनोटिक वायरस है। यह जानवरों और इंसानों दोनों में फैलता है।

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