केजरीवाल के बंगले के मामले की जांच करेगी CBI: केस दर्ज किया; विजिलेंस डिपार्टमेंट ने 52.71 करोड़ रुपए खर्चा करने की रिपोर्ट दी थी

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नई दिल्ली5 मिनट पहले

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भाजपा नेता तेजिंदर बग्गा ने अरविंद केजरीवाल के नए बंगले की यह फोटो शेयर की थीं। उन्होंने इसे शीशमहल बताया था।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले के रेनेवोशन के मामले की जांच अब CBI करेगी। जांच एजेंसी ने बुधवार 27 सितंबर को केस दर्ज किया है।

12 मई को विजिलेंस डिपार्टमेंट ने उनके बंगले और इसके कैम्पस में बने ऑफिस के रेनोवेशन को लेकर उपराज्यपाल विनय सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने बताया था कि बंगले पर 52.71 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

इसके बाद 18 जून को विजिलेंस डिपार्टमेंट ने PWD के 7 अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें 15 दिन के अंदर अपना जवाब देना था।

AAP की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने ये वीडियो शेयर कर कहा था कि केजरीवाल के पुराने बंगले की छत 3 बार गिर गई थी। इसलिए बंगले का रेनोवेशन जरूरी था।

AAP की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने ये वीडियो शेयर कर कहा था कि केजरीवाल के पुराने बंगले की छत 3 बार गिर गई थी। इसलिए बंगले का रेनोवेशन जरूरी था।

किसी भवन योजना की नहीं ली गई मंजूरी
नोटिस के मुताबिक, CM केजरीवाल के बंगले के पुराने ढांचे को बिना सर्वे रिपोर्ट के ढहा दिया गया था। PWD ने नए भवन के निर्माण के लिए किसी भवन योजना की मंजूरी भी नहीं ली थी। मुख्यमंत्री के घर का निर्माण उनके अधिकारों का उल्लंघन कर किया गया है।

उनका घर मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत तय पैरामीटर से बहुत बड़ा है।

घर पर 33.49 करोड़ और ऑफिस पर 19.22 करोड़ रुपए खर्च हुए
विजिलेंस डिपार्टमेंट की 12 मई की रिपोर्ट के मुताबिक, केजरीवाल के घर पर 33.49 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। वहीं 19.22 करोड़ रुपए उनके ऑफिस पर खर्च हुए। उनके पुराने बंगले को गिराकर नया बंगला बनाया गया था।

केजरीवाल के बंगले पर सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच खर्च किया गया पैसा

PWD मिनिस्टर ने रखा था बदलाव का प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2020 में तत्कालीन PWD मिनिस्टर ने केजरीवाल के बंगले (6, फ्लैग स्टाफ रोड) में बदलाव का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा था कि बंगले में एक ड्राइंग रूम, दो मीटिंग रूम और 24 लोगों की क्षमता वाला एक डाइनिंग रूम बनना चाहिए। इसके लिए बंगले की दूसरी मंजिल बनाने का प्रस्ताव था।

हालांकि, दिल्ली सरकार के पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट (PWD) ने कहा था कि बंगले को तोड़कर उसी परिसर में नया बंगला बनाया जाना चाहिए। PWD ने कहा कि बंगला 1942-43 के दौरान बना था। इसे बने 80 साल हो गए हैं इसलिए इसके ऊपर नई मंजिल बनाना सही नहीं होगा।

PWD ने कहा कि उसी परिसर में नया बंगला बनना चाहिए। उसके पूरा बनने के बाद केजरीवाल उसमें शिफ्ट हो जाएंगे और पुराने बंगले को गिरा दिया जाएगा। इस सलाह के आधार पर ही वहां नया बंगला बनाया गया।

21 मई को नीतीश कुमार केजरीवाल से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे थे। यह तस्वीर उसी मीटिंग की है।

21 मई को नीतीश कुमार केजरीवाल से मिलने उनके बंगले पर पहुंचे थे। यह तस्वीर उसी मीटिंग की है।

भाजपा ने लगाया था गड़बड़ी का आरोप
भाजपा ने CM आवास के रेनोवेशन में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था। इसके बाद उपराज्यपाल ने अप्रैल में चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को आदेश दिया था कि मामले से संबंधित फाइलों को सुरक्षित रखा जाए और उन्हें एक फैक्चुअल रिपोर्ट सबमिट की जाए। पूरी खबर पढ़ें…

12 मई को यह रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी गई। इस पर स्पेशल सेक्रेटरी विजिलेंस राजशेखर ने साइन किए थे।

AAP बोली- रिपोर्ट से अपराध साबित नहीं होता
आप ने कहा है कि पिछले 9 साल से भाजपा केजरीवाल की इमेज बिगाड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हुए। इसलिए, अब वे उनके घर को टारगेट कर रहे हैं।

रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं है, जिससे साबित हो कि कुछ गलत हुआ है। दिल्ली में पहली बार मुख्यमंत्री के लिए ऑफिशियल रेजिडेंस कॉम्प्लेक्स बनाया गया है। इसमें मुख्यमंत्री आवास, कार्यालय सचिवालय, ऑडिटोरियम और स्टाफ क्वार्टर शामिल हैं।

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BJP- केजरीवाल के बंगले पर 45 करोड़ खर्च हुए, AAP- PM के घर पर तो 500 करोड़ लगे

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का घर और ऑफिस सजाने में 45 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। केजरीवाल घर नहीं, शीश महल में रहते हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। पूरी खबर पढ़ें…

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