केंद्र सरकार ने शरद पवार को Z+ सिक्योरिटी दी: राज्य में आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच सुरक्षा बढ़ाई गई

मुंबई3 घंटे पहले

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पवार को पहले से ही राज्य सरकार की Z+ सुरक्षा मिली हुई है।

केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए NCP (SP) प्रमुख शरद पवार की सुरक्षा में इजाफा किया है। केंद्र ने उन्हें Z+ सिक्योरिटी दी है। पवार को पहले से ही राज्य सरकार की Z+ सुरक्षा मिली हुई है।

केंद्र के फैसले के बाद दस अतिरिक्त CRPF जवान उनकी सुरक्षा में तैनात किए जाएंगे। राज्य में आरक्षण संबंधी प्रदर्शनों के अलावा कई अन्य मुद्दों को लेकर बने हालात को देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने उनकी सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया था। इसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है।

किसे दी जाती है Z+ सिक्योरिटी?
देश के सम्मानित लोगों और नेताओं को जान का खतरा होने पर उन्हें Z+ सिक्योरिटी दी जाती है। ये सुरक्षा मिनिस्टर्स को मिलने वाली सिक्योरिटी से अलग होती है। पहले सरकार को इसके लिए एप्लिकेशन देनी होती है, जिसके बाद सरकार खुफिया एजेंसीज के जरिए खतरे का अंदाजा लगाती हैं। खतरे की बात कंफर्म होने पर सुरक्षा दी जाती है। होम सेक्रेटरी, डायरेक्टर जनरल और चीफ सेक्रेटरी की कमेटी ये तय करती है कि संबंधित लोगों को किस कैटेगरी में सिक्योरिटी दी जाए।

कौन देता है Z+ सिक्योरिटी?
पुलिस के साथ-साथ कई एजेंसीज VIP और VVIP को सिक्योरिटी कवर दे रही हैं। इनमें स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG, NSG, ITBP और CRPF शामिल हैं। हालांकि, खास लोगों की सुरक्षा का जिम्मा NSG के कंधों पर ही होता है, लेकिन जिस तरह से Z+ सिक्योरिटी लेने वालों की संख्या बढ़ी हैं, उसे देखते हुए CISF को भी यह काम सौंपा जा रहा है।

VIP और VVIP को सिक्योरिटी कवर देने वाली एजेंसियों में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG, NSG, ITBP और CRPF शामिल हैं।

VIP और VVIP को सिक्योरिटी कवर देने वाली एजेंसियों में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी SPG, NSG, ITBP और CRPF शामिल हैं।

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन जारी
मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन की अगुआई करने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने पिछले साल जुलाई में जालना के अंतरवाली सराती में अनशन किया था। इसके बाद महाराष्ट्र CM एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में 1 नवंबर 2023 को सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सहमति जताई कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना ही चाहिए। इस बैठक में शरद पवार समेत 32 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे।

बैठक के बाद CM शिंदे ने कहा था- यह निर्णय लिया गया है कि आरक्षण कानून के दायरे में और अन्य समुदाय के साथ अन्याय किए बिना होना चाहिए। आरक्षण के लिए अनशन पर बैठे मनोज जरांगे से अपील है कि वो अनशन खत्म करें। हिंसा ठीक नहीं है।

ओबीसी समुदाय मराठाओं को कुनबी सर्टिफिकेट देने के खिलाफ
मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके बाद मनोज जरांगे पाटिल समेत कई लोग दावा कर रहे हैं कि मराठा समाज मूल रूप से कुनबी जाति से है। यानी मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाता है तो आरक्षण मिलने पर उसे ओबीसी कोटे से लाभ मिल जाएगा।

फिलहाल राज्य में ओबीसी कोटे से आरक्षण 19 फीसदी है। ओबीसी समुदाय के संगठनों का मानना ​​है कि अगर इसमें मराठा समुदाय को भी शामिल किया गया तो आरक्षण का फायदा नए लोगों को मिलेगा। हमारा विरोध मराठा आरक्षण से नहीं बल्कि उन्हें ओबीसी से आरक्षण देने को लेकर है।

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