कुन्नूर के नंजप्पा चतरम में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर दुर्घटना के बाद बड़ा सवाल

हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कई तरह के सवाल सामने आए। कुछ सवाल इस तरह हैं- ऐसा क्यों हुआ, कैसे हुआ, क्या सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया और सबसे बड़ा सवाल यह है कि ‘क्या सीडीएस की उड़ान से पहले वायु सेना ने फ्लाइट रूट की रेकी की थी?’ इसको लेकर विरोधाभासी बातें सामने आ रही हैं।

एक अधिकारी के मुताबिक जिस रास्ते से सीडीएस को उड़ान भरनी थी, उस रास्ते पर मौसम की स्थिति की जांच करने के लिए वायुसेना के दो छोटे हेलीकॉप्टर भेजे गए लेकिन हम पक्के तौर पर यह नहीं कह सकते कि दोनों हेलीकॉप्टर वेलिंगटन हेलीपैड पर उतरे थे या वापस आए थे. लैंडिंग, अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया।

दुर्घटना का कारण

शुरुआती जानकारी के मुताबिक कुन्नूर के आसपास मौसम खराब था, जो हादसे का कारण बना. हालांकि हादसे के पीछे की सही वजह अभी पता नहीं चल पाई है। भारतीय वायुसेना ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं।

उधर, वेलिंगटन स्थित मद्रास रेजिमेंटल सेंटर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कुछ और ही कहा। उन्होंने कहा- “चूंकि एमआई-17वी5 एक विश्वसनीय हेलीकॉप्टर है, इसलिए छोटे हेलीकॉप्टरों से कोई परीक्षण नहीं किया गया।”

सीडीएस रावत लेक्चर देने के लिए वेलिंगटन डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहे थे।

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