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- जहां किसान सबसे ज्यादा खुदकुशी करते हैं, वहीं महाराष्ट्र के मंत्री सबसे ज्यादा फूड प्रोसेसिंग कंपनियों के मालिक हैं।
नासिक, औरंगाबाद6 घंटे पहलेलेखक: दीप्ति राऊत/महेश जोशी
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- महाराष्ट्र- 76% मंत्रियों की कमाई खेती से, परिजन की 161 कंपनियां, 42% कृषि से जुड़ीं
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे अधिक (38%) महाराष्ट्र के किसानाें ने खुदकुशी की है। लेकिन राज्य का कारोबार चलाने वाले मंत्रिमंडल में शामिल कई मंत्रियों की कृषि कंपनियां जमकर मुनाफा कमा रही हैं।
भास्कर ने इस मामले में पड़ताल की ताे पता चला कि राज्य में 76% मंत्रियों ने चुनाव आयाेग को दिए गए शपथ पत्र में अपनी कमाई का जरिया खेती काे बताया है। मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के नाम से वाणिज्य मंत्रालय के पास 161 कंपनियां दर्ज हैं। इसमें सबसे अधिक यानी 42% कंपनियां कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। इसमें एग्रो प्रोडक्ट्स, एग्रो प्रोसेसिंग और एग्रो ट्रेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।
राज्य में अब यह सवाल उठ रहा है कि सत्ता में बैठे मंत्री अगर खुद के और परिवारवालों के विकास के लिए इतना कुछ कर सकते हैं, तो आम किसानाें की खेती के विकास के लिए क्याें आगे नहीं आ रहे।
कैसे जुटाई हमने जानकारी
मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स की वेबसाइट पर डीन (डायरेक्टर्स आइडेंटिफिकेशन नंबर) कोड डालने के बाद प्रोप्राइटर और हिस्सेदारी की कंपनियों की जानकारी मिलती है। इसी डीन नंबर पर बंद हुई कंपनियों की जानकारी के लिए अन्य वेबसाइट का इस्तेमाल किया गया। इन वेबसाइटों ने यह जानकारी कॉर्पोरेट मंत्रालय के वेबसाइट से ही जुटाई है।
इन 10 मंत्रियाें के नाम पर हैं सबसे अधिक कंपनियां
- उद्धव ठाकरे: पत्नी के नाम 12 कंपनियां
- अजित पवार: पत्नी के नाम 23, बेटे के नाम 8 कंपनियां
- छगन भुजबल: पत्नी और पुत्र के नाम 17 कंपनियां
- विश्वजीत कदम: 15 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन, 10 कंपनियां सक्रिय। 8 निजी-2 सरकारी
- अदिति तटकरे: 12 कंपनियों की पूर्व डायरेक्टर, फिलहाल एक में सक्रिय
- आदित्य ठाकरे: 8 कंपनियां
- राजेश टोपे: निजी 6 कंपनियां, पिता के नाम 2 और सरकारी 1 कंपनी
- दिलीप वलसे पाटिल: खुद के नाम 5 कंपनियां, परिवार के सदस्य की 4 और पत्नी के नाम 1
- अनिल परब: खुद की 4 कंपनियां, पत्नी के नाम 1
- बेबी कड़वा: 4 कंपनियां
मंत्रियों की कंपनियां इस क्षेत्र में कार्यरत
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