कांग्रेस बोली- मोदी इतिहास बनाने में सक्षम नहीं: नेहरू की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रहे; नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर नाराजगी जताई

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नई दिल्ली2 घंटे पहले

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1929-30 में बना तीन मूर्ति हाउस भारत में कमांडर-इन-चीफ का आधिकारिक निवास था। अगस्त 1948 में यह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बन गया।

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम करने से कांग्रेस नाराज है। पार्टी नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा- इतिहास बनाया और रचा जाता है। प्रधानमंत्री ऐसा करने में सक्षम नहीं है, इसलिए वे नेहरू की विरासत को मिटाने की कोशिश कर रहे है।

श्रीनेत ने सरकार को सुझाव दिया कि नेहरू की चीजों को अपमानित करने और उसका नाम बदलने के बजाय राजनीति में बड़ी सोच रखें। PTI से बातचीत में उन्होंने कहा- पंडित नेहरू ने आधुनिक भारत की नींव रखी। उन्होंने आईआईएम, एम्स, आईआईटी, इसरो और दूसरे संस्थान बनाए और इस देश में लोकतंत्र को जिंदा रखा। प्रधानमंत्री मोदी को इतिहास में बहुत निगेटिव रूप में याद किया जाएगा।

कांग्रेस के अलावा RJD ने भी इस पर नाराजगी जताई
पार्टी नेता मनोज झा ने कहा कि तीन मूर्ति भवन में पंडित नेहरू देश के बटंवारे से लेकर अपनी मृत्यु तक रहे है। केंद्र सरकार जवाहरलाल नेहरू को मिटा नहीं सकते क्योंकि वह देश की मिट्टी में है।

स्वतंत्रता दिवस पर बदला था नाम
केन्द्र ने स्वतंत्रता दिवस के दिन नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदल कर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी (PMMS) रखा था। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम म्यूजियम का नाम बदलने का फैसला जून में ही लिया जा चुका था।

21 अप्रैल, 2022 को PM मोदी ने इसी परिसर में प्रधानमंत्रियों को समर्पित संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। इसमें देश के सभी प्रधानमंत्रियों की जानकारी दी गई है।

21 अप्रैल, 2022 को PM मोदी ने इसी परिसर में प्रधानमंत्रियों को समर्पित संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। इसमें देश के सभी प्रधानमंत्रियों की जानकारी दी गई है।

म्यूजियम अफसर ने कहा- पहले इसे देखें, फिर राय दें
म्यूजियम के अधिकारी ने आलोचना करने वालों को म्यूजियम देखने का सुझाव दिया। NMML और PMMS के बीच का अंतर बताते हुए म्यूजियम के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने बताया कि उन्होंने कैसे नेहरू की गरिमा का ध्यान रखा है। यदि आपने पहले नेहरू म्यूजियम देखा है, तो आपको पता चल जाएगा कि नेहरू-गांधी परिवार ने उस संग्रहालय की स्थापना कैसे की थी। इससे आपको अंदाजा हो जाएगा कि उन्होंने नेहरू जी को किस सोच के साथ पेश किया था।

21 अप्रैल, 2022 को PM मोदी ने इसी परिसर में प्रधानमंत्रियों को समर्पित संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। इसमें देश के सभी प्रधानमंत्रियों की जानकारी दी गई है।

21 अप्रैल, 2022 को PM मोदी ने इसी परिसर में प्रधानमंत्रियों को समर्पित संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। इसमें देश के सभी प्रधानमंत्रियों की जानकारी दी गई है।

1964 में नेहरू स्मारक संग्रहालय बनाया गया था
नेहरू के निधन के बाद तत्कालीन सरकार ने फैसला किया कि तीन मूर्ति हाउस जवाहरलाल नेहरू को समर्पित किया जाना चाहिए। तब की सरकार ने इसमें एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय बनाने का प्रस्ताव रखा। 14 नवंबर, 1964 को नेहरू की 75वीं जयंती पर तत्कालीन राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन ने तीन मूर्ति भवन राष्ट्र को समर्पित किया और नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन किया। इसके दो साल बाद, संस्था के प्रबंधन के लिए NMML सोसायटी की स्थापना की गई और तब से यही बनी हुई थी।

सोसाइटी के अध्यक्ष PM मोदी हैं
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। इसके 29 सदस्यों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर शामिल हैं।

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