कश्मीर में खौफ: शाम ढलने से पहले दुकानें बंद कर रहे हिंदू-सिख, 500 परिवारों ने घाटी छोड़ी

श्रीनगर5 घंटे पहलेलेखक: हारुन रशीद

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गैर-मुस्लिमों पर हमले के बाद पलायन की सिलसिला जारी है।

सरकार के कड़े सुरक्षा इंतजाम और स्थिति सामान्य करने के आश्वासनों के बावजूद कश्मीर में रह रहे गैर-मुस्लिमों में खौफ का माहौल बना हुआ है। बाजारों में गैर-मुस्लिमों की दुकानें या तो खुल ही नहीं रही, या शाम से पहले बंद हो जा रही हैं। कश्मीरी पंडितों के कुछ संगठनों के मुताबिक 500 से ज्यादा गैर-मुस्लिम परिवार घाटी से जम्मू के लिए रवाना हो गए हैं।

इनमें भी उन सरकारी कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है जो घाटी में तैनात किए गए थे। हिंसा की घटनाओं के चलते सरकार ने गैर-मुस्लिम कर्मचारियों को 10 दिन की छुट्‌टी दी तो हालात ज्यादा बिगड़ गए। सरकार के इस कदम से लोगों को लगने लगा कि खतरा वाकई में बहुत ज्यादा है। जम्मू के रिफ्यूजी कैंप में रह रहे एक बुजुर्ग ने बताया कि उनका बेटा कश्मीर में तैनात है, मगर सरकारी आवास नहीं मिल पाया है।

उन्होंने बेटे को वापस बुलाया था। अब वह रविवार को लौट रहा है। कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के संजय टिक्कू का कहना है कि सभी हिंदू अभी लो प्रोफाइल मेंटेन कर रहे हैं। सुरक्षा ही लोगों की प्राथमिकता है, इसीलिए घाटी से निकलना चाहते हैं। वहीं कुछ पंडित परिवार ऐसे भी हैं जो इन हालात में भी घाटी में डटे हुए हैं।

शेखपुरा बडगाम में रहने वाले दीपक का कहना है कि जब 90 के दशक में नहीं गए तो अब क्यों जाएंगे। हालांकि वह ये भी स्वीकार करते हैं कि शेखपुरा में उनकी माइग्रेंट कॉलोनी में सन्नाटा पसरा है। यहां से 50 से ज्यादा लोग जम्मू पहुंच गए हैं।

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