कवि-गीतकार प्रसून जोशी 50 वर्ष के हो गए: उनकी बॉलीवुड यात्रा पर एक नज़र

भारतीय कवि, गीतकार, पटकथा लेखक, बाज़ारिया और अन्य प्रसून जोशी आज अपना 50 वां जन्मदिन मना रहे हैं। प्रसून राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक जाना-माना नाम है। वह अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष हैं। के अतिरिक्त बॉलीवुड, उन्हें देश भर के कवियों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है। उनकी प्रतिभा और कविता और कला के प्रति उनके प्रेम ने उद्योग पर एक छाप छोड़ी है।

लेखक का जन्म 16 सितंबर 1971 को उत्तराखंड में हुआ था। प्रसून जोशी ने 17 साल की उम्र में लिखना शुरू किया था और उसी उम्र में अपनी पहली किताब ‘मैं और वो’ प्रकाशित की थी।

उनके जन्मदिन पर एक नजर डालते हैं उनके बॉलीवुड सफर पर:

प्रसून ने 2001 में राजकुमार संतोषी की फिल्म लज्जा से एक फिल्म गीतकार के रूप में बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की। फिल्म हिट हो गई और इसके कारण उन्हें यश चोपड़ा की हम तुम के साथ एक और प्रोजेक्ट मिला। उसके बाद प्रसून जोशी को कोई रोक नहीं पाया। इसके बाद लेखक ने कई सफल फिल्मों में योगदान दिया, जिनमें रंग दे बसंती, फन्ना तारे जमीं पर, ब्लैक और दिल्ली 6 शामिल हैं।

वह 2006 में एक संवाद लेखक भी बने, जब उन्होंने आमिर खान अभिनीत रंग दे बसंती के लिए संवाद लिखे। उन्हें फिल्म फना के गाने चांद सिफरिश और तारे जमीं पर के मां गाने के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दोनों गाने अभी भी कई लोगों की पसंदीदा गानों की लिस्ट में हैं।

प्रसून ने कई पुरस्कार और सम्मान जीते हैं; यह उसके लिए एक नियमित बात बन गई है। प्रसून को उनके काम के लिए दो बार प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। पहली फिल्म तारे जमीं पर के लिए और दूसरी चटगांव के लिए।

प्रसून ने पुरस्कार विजेता फिल्म भाग मिल्खा भाग की पटकथा लिखी, जिसमें भारतीय ट्रैक और फील्ड एथलीट मिल्खा सिंह का इतिहास है। 2015 में, उन्हें कला और साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।

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