कर्नाटक के CM राज्यपाल के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे: गवर्नर ने जमीन घोटाले में केस चलाने की मंजूरी दी थी, सिद्धारमैया का परिवार भी आरोपी

  • Hindi News
  • National
  • Karnataka CM Siddaramaiah MUDA Land Scam Case | Governor Prosecution High Court

बेंगलुरु16 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

कर्नाटक राज्यपाल ने सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाने को लेकर 17 अगस्त को नोटिस जारी किया था। 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया राज्यपाल थावरचंद गहलोत के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। सिद्धारमैया पर मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) की जमीन के मुआवजे के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का आरोप है। गवर्नर ने 17 अगस्त को उनके खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दी है।

इससे पहले 26 जुलाई को राज्यपाल ने नोटिस जारी कर CM से 7 दिन में जवाब मांगा था। 1 अगस्त को कर्नाटक सरकार ने राज्यपाल को नोटिस वापस लेने की सलाह दी और उन पर संवैधानिक शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। कांग्रेस ने कहा था कि हम आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।

MUDA घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, साले और कुछ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की गई है। एक्टिविस्ट टी. जे. अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा का आरोप है कि CM ने MUDA अधिकारियों के साथ मिलकर महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए।

कर्नाटक राज्यपाल सचिवालय की ओर से सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाने को लेकर 17 अगस्त को नोटिस जारी किया था।

कर्नाटक राज्यपाल सचिवालय की ओर से सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाने को लेकर 17 अगस्त को नोटिस जारी किया था।

MUDA केस क्या है
साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) ने कुछ जमीन रिहायशी इलाके में विकसित करने के लिए किसानों से ली थी। इसके बदले MUDA की इंसेंटिव 50:50 स्कीम के तहत अधिग्रहित भूमि मालिकों को विकसित भूमि में 50% साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई।

1992 में MUDA ने इस जमीन को डीनोटिफाई कर कृषि भूमि से अलग किया था। 1998 में अधिगृहित भूमि का एक हिस्सा MUDA ने किसानों को डेनोटिफाई कर वापस कर दिया। यानी एक बार फिर ये जमीन कृषि की जमीन बन गई।

सिद्धारमैया की पत्नी की 3 एकड़ जमीन से जुड़ा है MUDA घोटाला
दरअसल, सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास मैसुरु जिले के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी। ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी। MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था।

हालांकि इस जमीन के बदले 2022 में बसवराज बोम्मई सरकार ने पार्वती को साउथ मैसुरु के पॉश इलाके में 14 साइट्स दिए थे। इनका 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,283 वर्ग फीट एरिया था।

सिद्धारमैया पर क्या-क्या आरोप लगे हैं

  • सिद्धारमैया की पत्नी को MUDA की ओर से मुआवजे के तौर पर मिले विजयनगर के प्लॉट की कीमत केसारे गांव की उनकी जमीन से बहुत ज्यादा है।
  • स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। इसमें उन्होंने सिद्धारमैया पर MUDA साइट को पारिवारिक संपत्ति का दावा करने के लिए डॉक्यूमेंट्स में जालसाजी का आरोप लगाया गया है।
  • 1998 से लेकर 2023 तक सिद्धारमैया कर्नाटक में डिप्टी CM या CM जैसे प्रभावशाली पदों पर रहे। भले ही सीधे तौर पर वे इस घोटाले से न जुड़े हों, लेकिन उन्होंने अपने पावर का इस्तेमाल कर करीबी लोगों की मदद की।
  • सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने साल 2004 में डेनोटिफाई 3 एकड़ जमीन अवैध रूप से खरीदी थी। 2004-05 में कर्नाटक में फिर कांग्रेस-JDS गठबंधन की सरकार में सिद्धारमैया डिप्टी CM थे।
  • योजना के तहत, जिन लैंड ओनर्स की भूमि MUDA द्वारा अधिग्रहित की गई है। उन्हें मुआवजे के रूप में अधिक मूल्य की वैकल्पिक साइटें आवंटित की गई हैं। साथ ही रियल एस्टेट एजेंट्स को भी इस स्कीम में जमीन दी गई है।
  • भूमि आवंटन घोटाले का खुलासा एक RTI एक्टिविस्ट ने करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में 50:50 योजना के तहत 6,000 से अधिक साइटें आवंटित की गई हैं।
  • भाजपा सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह 3 हजार से 4 हजार करोड़ रुपए का घोटाला है। इसमें सिद्धारमैया का परिवार शामिल है। कांग्रेस इस पर चुप्पी साधे हुए है। राज्यपाल ने जांच के आदेश दिए हैं, उनका शुक्रिया।

खबरें और भी हैं…