ऐतिहासिक रहा संसद का शीतकालीन सत्र: 18 बिल पास हुए, पहली बार 146 सांसद निलंबित, लोकसभा में 74% रही प्रोडक्टिविटी

नई दिल्ली1 घंटे पहले

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21 दिसंबर को लोकसभा अनिश्चिकाल के लिए स्थगित होने के बाद स्पीकर ओम बिड़ला से मिले पीएम नरेंद्र मोदी।

4 दिसंबर को शुरू हुआ 17वीं लोकसभा का चौदहवां सत्र गुरुवार को निर्धारित समय से एक दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। यह सत्र काफी ऐतिहासिक रहा।

13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध के बाद विपक्ष ने सदन के अंदर जमकर हंगामा किया। इसके चलते लोकसभा और राज्यसभा से रिकॉर्ड 146 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया।

वहीं गुरुवार को सत्र के समापन पर स्पीच देते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा- सत्र में 14 बैठकें हुईं, जो लगभग 61 घंटे और 50 मिनट तक चलीं।

ओम बिरला ने बताया कि इस सत्र में सदन की प्रोडक्टिविटी (तय समय में कितना कामकाज हुआ) 74 परसेंट थी। सत्र के दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किए गए और 18 बिल पास किए गए।

सत्र में 1930 कागजात सदन के पटल पर रखे गए
ओम बिड़ला ने यह भी बताया कि, शीतकालीन सत्र के दौरान 55 सवालों का जवाब दिया गया। नियम 377 के तहत कुल 265 मामले उठाए गए। लोकसभा स्पीकर ने सदन को बताया कि लगभग 1930 कागजात सदन के पटल पर रखे गए।

चार कारणों से चर्चा में रहा शीतकालीन सत्र….

13 दिसंबर : संसद की सुरक्षा में चूक, सदन में घुसे दो युवक

लोकसभा की कार्यवाही में घुसा शख्स सीटों पर भी कूदा। इससे सदन में अफरा-तफरी मच गई।

लोकसभा की कार्यवाही में घुसा शख्स सीटों पर भी कूदा। इससे सदन में अफरा-तफरी मच गई।

संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब विजिटर्स गैलरी से 2 युवक अचानक नीचे कूद गए। उस समय लोकसभा में बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। युवक सदन की बेंच पर कूदते हुए आगे बढ़ने लगे। इसी बीच उन्होंने जूते से निकालकर कुछ स्प्रे किया, जिससे सदन में पीला धुआं फैलने लगा। इस पूरे मामले में पुलिस ने छह लोगों को अरेस्ट किया।

14-21 दिसंबर : हंगामे के चलते विपक्ष के कुल 146 सांसद सस्पेंड

राज्यसभा में जब डेरेक ओ'ब्रायन हंगामा करते हुए वेल में आ गए, तो सभापति नाराज हो गए थे और उन्हें सदन से बाहर हो जाने को कहा।

राज्यसभा में जब डेरेक ओ’ब्रायन हंगामा करते हुए वेल में आ गए, तो सभापति नाराज हो गए थे और उन्हें सदन से बाहर हो जाने को कहा।

13 दिसंबर को संसद में चूक को लेकर विपक्ष की मांग थी कि, पीएम मोदी या गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में बयान दें। इसको लेकर 14 दिसंबर से लेकर 21 दिसंबर तक विपक्ष ने सदन के अंदर जमकर हंगामा किया। जिसके चलते कुल 146 सांसदों को सस्पेंड किया गया। इसमें लोकसभा के 100 और राज्यसभा के 46 सांसद शामिल हैं।

19 दिसंबर : TMC सांसद ने उपराष्ट्रपति की नकल उतारी, राहुल गांधी ने वीडियो बनाया

संसद की कार्यवाही के 12वें दिन 19 दिसंबर को TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान सदन के गेट पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल उतारी।

संसद की कार्यवाही के 12वें दिन 19 दिसंबर को TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान सदन के गेट पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल उतारी।

सदन से पूरे सत्र के लिए निलंबित हो जाने के बाद विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर बैठकर प्रदर्शन किया। 19 दिसंबर को कुछ सांसद विरोध जता रहे थे। तभी TMC सांसद कल्याण बनर्जी खड़े होकर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल उतारने लगे। बाकी सांसद ठहाके लगा रहे थे और राहुल गांधी वीडियो बना रहे थे। इस मिमिक्री कांड पर उप राष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति धनखड़ ने सदन के अंदर बयान भी दिया। उन्होंने कहा- आप मेरा मजाक कितना भी उड़ा लो लेकिन वो संवैधानिक पद की रक्षा हमेशा करते रहेंगे। भाजपा ने भी इस मुद्दे पर विपक्ष पर जमकर निशाना लगाया।

20-21 दिसंबर : लोकसभा-राज्यसभा में पास हुए तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल

इस सत्र में गृहमंत्री अमित शाह ने तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल पेश किए। ये बिल भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल हैं। 20 दिसंबर को ये पहले लोकसभा से पास हुए फिर 21 दिसंबर को राज्यसभा से पास कराए गए। अब ये बिल राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजे गए। जिसके बाद ये कानून बन जाएंगे। नए अपराध कानून से ये प्रमुख बदलाव आएंगे। मसलन- नाबालिग से रेप के दोषी को उम्रकैद या फांसी होगी। गैंग रेप के दोषी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल की सजा होगी। मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा होगी।

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तीन क्रिमिनल लॉ बिल संसद में पास, शाह बोले- तारीख पे तारीख का जमाना जाएगा​​​​​​​

बिलों पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- जो लोग सदन के बाहर पूछते हैं कि इस कानून से क्या होगा? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इसके लागू होने के बाद तारीख पर तारीख का जमाना नहीं रहेगा। किसी भी मामले में 3 साल में न्याय दिलाने का उद्देश्य है।​​​​​​​ पढ़ें पूरी खबर…

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