एक सवाल ने बनाया इशांत जसवाल को IAS: मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे रिश्तेदार पूछते थे, 15 साल बाद कहां हो तुम? उन्हें जवाब देने के लिए क्लीयर किया UPSC

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  • मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले रिश्तेदारों ने पूछा करियर ऑप्शन क्या है, फिर यूपीएससी की परीक्षा पास करने का फैसला किया और इंशात ने पहले ही कर ली अटेम्प्ट यूपीएससी

शिमला2 घंटे पहले

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इशांत जसवाल ने यूपीएस्सी में हासिल किया 80वां रेंक।

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के घुमारवीं क्षेत्र निवासी इशांत जसवाल ने 24 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 80वां रैंक हासिल किया है। मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने के बावजूद उन्होंने अपने दिलो-दिमाग में एक बात ठान ली थी कि 15 साल का इंतजार क्यों करुं। अभी कुछ बनकर दिखाना है और उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी। पहले ही चरण में परीक्षा पास की और 80वा रैंक भी हासिल कर लिया। इशांत जसवाल ने बताया कि जब वह मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी करने गए तो वहां पर उनके साथ काम करने वाले सहयोगी, उनके रिश्तेदार अकसर उनसे यही पूछते थे कि आज से 15 साल बाद वह क्या करने वाले हैं, उनका करियर गोल क्या है।

इसका जवाब उनके पास नहीं थी। उन्होंने अपने आप से भी यही सवाल किया कि आखिर 15 साल बाद वह क्या करेंगे। उनके पास करियर ऑप्शन क्या है। फिर उनके दिमाग में बात आई कि क्यों न सिविल सर्विसेज की परीक्षा उत्तीर्ण की जाए। यही मेरा अगला करियर गोल है। फिर एमएनसी कंपनी की नौकरी छोड़ कर सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। इंशात के पिता होशियार सिंह सेना से ऑनरेरी नायब सूबेदार के पद से रिटायर हुए हैं, उनकी माता अंजना देवी गृहिणी हैं। बड़ी बहन की शादी हो चुुकी है। वह केवल दो भाई-बहन हैं।

इशांत जस्वाल अपने परिवार के साथ।

इशांत जस्वाल अपने परिवार के साथ।

जुलाई 2019 में नौकरी छोड़कर शुरू की तैयारी

इशांत जसवाल ने जुलाई 2019 में सिविल सर्विस की परीक्षा के लिए ऑल इंडिया सेक्टर ऑयल में काम करने वाली एमएनसी कंपनी की जॉब छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने नोएडा में ही कोचिंग लेनी शुरू की। लेकिन फरवरी 2020 में अचानक ही कोरोना का कहर बढ़ गया और कोचिंग को छोड़कर उन्हें बीच में ही घर वापस लौटना पड़ा।

लॉकडाउन के बीच घर में ही चली पढ़ाई, परिवार का मिला स्पोर्ट

इशांत का कहना है कि लॉकडाउन के बीच जब वह घर आ गए तो यहीं पर उन्होंने अपनी पढ़ाई शुरू की। घरवालों का स्पोर्ट मिलता रहा। माता और पिता भी उन्हें लगातार स्पोर्ट करते रहे। बड़ी बहन भी उन्हें हमेशा मोटिवेट करती रही। जहां पर भी उनका आत्मविश्वास डगमगाया, उनकी बड़ी बहन हमेशा उनके लिए एक स्पोर्ट का काम करती रही और आज उसी की बदौलत उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पहले ही प्रयास में पास कर ली।

हमीरपुर एनआईटी में अपने दोस्तों के साथ।

हमीरपुर एनआईटी में अपने दोस्तों के साथ।

बाड़ी छजोली से की प्रारंभिक शिक्षा

इशांत जसवाल ने अपनी प्रारंभिक परीक्षा बाड़ी छंजोली प्राइमरी स्कूल से की। यहां दो-तीन साल पढ़ने के बाद वह अपने पिता के साथ देहरादून चले गए। उनके पिता आर्मी के रिटायर अधिकारी हैं। देहरादून में वह 5वीं तक पढ़े। फिर वापस बिलासपुर आ गए। छठी से 12वीं तक हिम सर्वोदय स्कूल में पढ़ाई की। 11वीं और 12वीं में नॉन मेडिकल रखा।

2014 में 12वीं पास की। हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड में 7वां रैंक आया। 2014 से 18 में हमीरपुर एनआईटी में टेस्ट क्वालीफाई किया और यहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। 2018 में ही कैंपस इंटरव्यू में ऑल इंडिया सेक्टर में कार्यरत एक मल्टीनेशनल कंपनी में प्लेसमेंट हो गई। यहां पर उन्होंने केवल 1 साल ही काम किया और उसके बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की।

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