एक तुलसी का पौधा, बिना पहना हुआ सैंडल, एक चटाई, झाडू… सत्य के बाद की दुनिया में हाथरस की यादें | आउटलुक इंडिया पत्रिका

ऐसा पहले भी हुआ है, फिर से होगा
वह आग क्या याद करती है? सतीश की चीख
पति की चिता पर घसीटा गया और दुल्हनों को जिंदा जला दिया गया;
जाति-पाँति के प्रेमियों के विलाप को मौत के घाट उतार दिया,
बलात्कार की शिकार महिलाओं की जुबान कटी चीख़
ऐसा पहले भी हुआ है, ऐसा फिर होगा।

-से मीना कंदस्वामीकी कविता
ट्रिगर चेतावनी: हिंसा, बलात्कार का विवरण

मुझे लाल और बेज रंग के सैंडल याद हैं जिन पर तितलियाँ छपी हैं। उड़ान में एक बड़ी तितली और उसके पीछे छोटे वाले। प्रत्येक पट्टा पर एक नकली मोती चिपका हुआ है। लगभग एक कैनवास। यह एक लाल आकाश हो सकता है जो तितलियों की मासूम महत्वाकांक्षाओं से युक्त हो। तब से मैंने लाल आकाश का अर्थ खोजा है। ऐसा कहा जाता है कि सुबह का लाल आसमान तूफानी मौसम की चेतावनी है। ऐसी ही एक सुबह उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। उसके अवशेषों में प्लास्टिक की सैंडल की जोड़ी है। पहना हुआ। उसके भाई ने उसके लिए इसे खरीदा था …

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