एंटीवायरल दवा से कोरोना के इलाज का दावा: CDRI ने कहा- महज 5 दिन में कम हो जाएगा वायरस का लोड, गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर भी कारगर

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  • डीसीजीआई से इमरजेंसी उपयोग की अनुमति मिलने के बाद महामारी के खिलाफ लड़ाई में लखनऊ सीडीआरआई के वैज्ञानिक की बड़ी उपलब्धि क्लिनिक फेज के तीसरे ट्रायल का दावा 132 मरीजों पर सफल प्रयोग, एंटी वायरल दवा से कोरोना को मात देने की तैयारी

लखनऊ6 घंटे पहले

लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CDRI) के वैज्ञानिकों ने एंटी वायरल ड्रग उमीफेनोविर से कोरोना के इलाज का दावा किया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि 5 दिन में यह दवा वायरस के लोड को खत्म कर देती है। प्रदेश के सबसे बड़े किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय (KGMU), लोहिया संस्थान और प्राइवेट एरा मेडिकल कालेज ने भी इस दवा को तैयार करने में CDRI की मदद की है। इन मेडिकल संस्थानों में पहली और दूसरी लहर में भर्ती 132 मरीजों पर इसका सफल ट्रायल करने का दावा CDRI निदेशक कर रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुए ट्रायल से वैज्ञानिकों को भरोसा है कि यह दवा डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट पर भी कारगर होगी।

बिना लक्षणों और हल्के लक्षणों के मरीजों पर सफल ट्रायल हुआ

दवा खोजने वाले CDRI लखनऊ के वैज्ञानिकों की टीम।

CDRI निदेशक बोले- गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर बेहद कारगर
CSIR-CDRI लखनऊ के डायरेक्टर प्रो. तपस कुंदु ने भास्कर को बताया कि मौजूदा ट्रायल ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से इमरजेंसी अनुमति मिलने के बाद 3 अक्टूबर 2020 से 28 अप्रैल 2021 के बीच किया गया। CDRI के 16 सदस्यों की टीम की पहल पर उमीफेनोविर को ट्रायल के लिए चुना गया था। तीन चरणों के ट्रायल के बाद इसे बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीजों के इलाज में प्रभावी पाया गया। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए भी यह बेहद कारगर है।

उमीफेनोविर एंटी वायरल ड्रग का मॉडल।

उमीफेनोविर एंटी वायरल ड्रग का मॉडल।

दिन में दो बार 5 दिनों तक खानी होगी दवा
CDRI के सीनियर डॉ. संजीव यादव ने बताया कि कोरोना मरीजों में वायरस के असर को लगभग खत्म करने के लिए उमीफेनोविर की 800 MG की डोज दिन में दो बार सिर्फ पांच दिन तक लेना होता है। इस दवा के तीसरे फेज के ट्रायल में 18 से 75 साल की उम्र के लोगों को रखा गया था। दवा बनाने की तकनीक गोवा की निजी कंपनी को ट्रांसफर करके इमरजेंसी यूज के लिए मुहैया कराई गई थी। अब DCGI से अनुमति मिलने के बाद इसे टैबलेट या सिरप किसी भी रूप में बाजार में उतारा जा सकता है। खास बात यह है कि इसकी कीमत अन्य एंटी वायरल दवाओं से आधी रहने की संभावना है।

रूस और चीन में भी होता रहा है इसका प्रयोग
डॉ. संजीव बताते हैं कि सालों से उमीफेनोविर नाम की इस एंटी वायरल दवा का इस्तेमाल रूस और चीन समेत अन्य देशों में एन्फ्लूएंजा और निमोनिया के इलाज में होता रहा है। अब भारत में इसे री-पोजीशन ड्रग के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके सेफ्टी एनालिसिस के पैरामीटर्स रेमडेसिविर जैसी एंटी वायरल दवाओं से बेहतर हैं और इनके साइड इफेक्ट्स की आशंका नहीं है। CDRI के निदेशक प्रो.तपस के अनुसार DCGI ने फिलहाल इसके क्लीनिकल ट्रायल को और बढ़ाने की बात कही है पर हमें उम्मीद है कि जल्द भी अनुमति मिलने के बाद हम मरीजों पर इसका प्रयोग कर सकेंगे।

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