उत्तर भारत पर लू का असर जारी, मानसून दो हफ्ते लेट

आईएमडी मानसून अपडेट के अनुसार लोगों को जुलाई में गर्मी की लहरों से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जुलाई के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के कई क्षेत्रों में ‘सामान्य से नीचे’ से ‘सामान्य’ बारिश की भविष्यवाणी की है। विभाग ने कहा कि गुरुवार को दक्षिण प्रायद्वीप, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। जुलाई में बारिश 94 से 106% के बीच रहने की संभावना है।

वहीं, जुलाई में देश के कुछ हिस्सों, प्रायद्वीपीय और मैदानी इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। आईएमडी के अनुसार, प्रशांत और हिंद महासागर में समुद्र की सतह के तापमान की स्थिति को भारतीय मानसून पर एक मजबूत प्रभाव के लिए जाना जाता है, इसलिए विभाग समुद्र के घाटियों पर समुद्र की सतह की स्थिति के विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है। आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्रा ने कहा है कि देश में अभी भी जुलाई में सामान्य मॉनसून की प्रबल संभावना है।

नहीं न वर्षा पर समाप्त का जून

महापात्र के मुताबिक 19 जून तक हरियाणा, दिल्ली, पंजाब समेत उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में मानसून आ चुका था और 26 जून से मानसून का प्रवाह कमजोर पड़ने लगा था. उन्होंने कहा कि पिछले 2 दिनों में मानसून कवरेज में काफी कमी आई है और अगले 7 से 10 दिनों में मानसून की कोई संभावना नहीं है।

मानसून में देरी का कृषि क्षेत्र पर असर

महापात्र ने बताया है कि 11 या 12 जुलाई से मानसून की संभावना है। साथ ही, आईएमडी ने चेतावनी दी कि कमजोर मानसून की स्थिति देश के कई हिस्सों में विशेष रूप से फसलों की बुवाई और रोपाई पर कृषि गतिविधियों को प्रभावित करेगी।

.

Leave a Reply