उत्तराखंड पहला राज्य बना जहां UCC बिल पास हुआ: CM धामी बोले- PM मोदी के एक भारत-श्रेष्ठ भारत का विजन पूरा होगा

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उत्तराखंडकुछ ही क्षण पहलेलेखक: पंकज राणा

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उत्तराखंड विधानसभा में बुधवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी UCC बिल ध्वनिमत से पास हो गया। सीएम पुष्कर धामी ने 6 फरवरी को विधानसभा में यह बिल पेश किया था।

इस बिल के कानून बनते ही उत्तराखंड में लिव इन रिलेशन में रह रहे लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी हो जाएगा। ऐसा नहीं करने पर 6 महीने तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा पति या पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी भी गैर-कानूनी मानी जाएगी।

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UCC ड्राफ्ट में शादी को लेकर सुझाव

  • लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाई जाएगी, ताकि वे शादी से पहले ग्रेजुएट हो सकें।
  • सभी धर्म और जातियों में विवाह की आयु 18 वर्ष होगी।
  • बहुविवाह प्रथा पर रोक लगेगी।
  • विवाह का पंजीकरण (लोकल बॉडी में) अनिवार्य होगा।
  • कोर्ट के अलावा हर प्रकार के तलाक पर रोक रहेगी।
  • पुनर्विवाह के लिए किसी भी प्रकार की शर्त पर रोक रहेगी (जैसे हलाला, इद्दत)।
  • वर्जित विवाह परिभाषित किए गए, सगे और चचेरे, ममेरे भाई बहन से विवाह वर्जित होगा, लेकिन यदि किसी धर्म में पहले से ही इसका रिवाज और मान्यता है तो वो ऐसे विवाह की इजाजत होगी।

प्रदेश की जनजातियों को कानून से रखा जाएगा बाहर
राज्य की जनजातियों पर यह क़ानून लागू नहीं होगा। मतलब उत्तराखंड में निवास करने वाली किसी भी जनजाति इस क़ानून से मुक्त रहेंगी। जनजाति समुदाय की राज्य में पांच प्रकार की जनजातियां है जिनमें थारू, बोक्सा, राजी, भोटिया और जौनसारी समुदाय शामिल है। चीन के साथ 1962 की लड़ाई के बाद 1967 में इनको संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत जनजाति समुदाय में शामिल करने के लिए अधिसूचित किया गया है। पिछले दिनों आसाम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी कह चुके है कि वो भी अपने प्रदेश में जनजाति और आदिवासियों को इस क़ानून से मुक्त रखेंगे।

800 पन्नों के ड्राफ्ट में 400 सेक्शन, ढाई लाख सुझाव मिले
​​​​​​​उत्तराखंड में UCC की एक्सपर्ट कमेटी ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें लगभग 400 सेक्शन है। और लगभग 800 पन्नों की इस ड्राफ्ट रिपोर्ट में प्रदेशभर से ऑनलाइन और ऑफलाइन 2.31 लाख सुझावों को शामिल किया गया है।20 हज़ार लोगों से कमेटी ने सीधे संपर्क किया है। इस दौरान सभी धर्म गुरुओं, संगठनों, राजनीतिक दलों, कानूनविदों से बातचीत की गई है। जिनके सुझावों को कमेटी ने यूसीसी ड्राफ्ट में शामिल किया है।