उत्तरकाशी में 24 घंटे बाद भी टनल में फंसे 36: 50 मीटर हिस्सा टूटकर गिरा, ड्रिलिंग मशीनों से काटे जा रहे पत्थर; रेस्क्यू जारी

उत्तरकाशी4 मिनट पहले

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सिल्क्यारा टनल में पूरी रात रेस्क्यू का काम जारी रहा। अभी सभी 36 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पिछले 24 घंटे से निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल में 36 मजदूर फंसे हुए हैं। हादसा रविवार सुबह 4 बजे हुआ, जब टनल का 50 मीटर का हिस्सा गिर गया।

अधिकारियों के मुताबिक, देर रात तक मजदूरों से संपर्क हो पाया है। ड्रिल मशीनों की मदद से मलबे को काटा जा रहा है। पूरी रात रेस्क्यू का काम जारी रहा।

हालांकि टनल के अंदर ऑक्सीजन पहुंचा दी गई है। रेस्क्यू के लिए NDRF, SDRF, फायर ब्रिगेड, नेशनल हाईवे के करीब 156 लोग लगे हुए हैं। अफसरों के मुताबिक, मजदूरों को निकालने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है।

ग्राफिक के जरिए जानिए कहां हुआ हादसा…

हादसे की तस्वीरें…

यह टनल का शुरुआती हिस्सा है। अधिकारियों के मुताबिक यहां से 200 मीटर अंदर टनल धंसी।

यह टनल का शुरुआती हिस्सा है। अधिकारियों के मुताबिक यहां से 200 मीटर अंदर टनल धंसी।

रेस्क्यू के लिए NDRF, SDRF, फायर ब्रिगेड, नेशनल हाईवे के 156 लोग लगे हुए हैं।

रेस्क्यू के लिए NDRF, SDRF, फायर ब्रिगेड, नेशनल हाईवे के 156 लोग लगे हुए हैं।

यह टनल के अंदर की तस्वीर हैं। एक तरफ का हिस्सा पूरी तरह से ब्लॉक हो गया।

यह टनल के अंदर की तस्वीर हैं। एक तरफ का हिस्सा पूरी तरह से ब्लॉक हो गया।

टनल से मजदूरों को निकालने के लिए जेसीबी मशीन की मदद ली जा रही है।

टनल से मजदूरों को निकालने के लिए जेसीबी मशीन की मदद ली जा रही है।

क्यों बनाई जा रही सिल्क्यारा टनल
चार धाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये ऑल वेदर (हर मौसम में खुली रहने वाली) टनल बनाई जा रही है। इसके बनने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किमी तक कम हो जाएगी।
चारधाम यात्रा के मुख्य पड़ाव धरासू से यमुनोत्री नेशनल हाईवे शुरू होता हैं। यह हाईवे जानकीचट्टी पर खत्म होता है। धरासू से जानकीचट्टी की दूरी 106 किमी है। बीच में राड़ी टाप क्षेत्र पड़ता है।

हालांकि जब सर्दियों में बर्फबारी होती है तो राड़ी टाप क्षेत्र में यमुनोत्री हाईवे बंद हो जाता है। जिससे यमुना घाटी के तीन तहसील मुख्यालयों बड़कोट, पुरोला और मोरी का जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से संपर्क कट जाता है। चारधाम यात्रा को सुगम बनाने और राड़ी टाप में बर्फबारी की समस्या से निजात पाने के लिए यहां ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत डबल लेन सुरंग बनाने की योजना बनी।

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