इस्कॉन ने बाढ़ प्रभावितों को बांटा खाना: लोग बोले जिन कट्टरपंथियों ने मंदिर जलाए, उन्हें ही खिलाया खाना; लेकिन कुछ और है इन VIDEOS का सच

27 मिनट पहले

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बांग्लादेश इन दिनों बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ के चलते देश की एक बड़ी आबादी प्रभावित हुई है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

  • दावा किया गया कि देश में हुए तख्तापलट के समय दर्जनों मंदिरों को जला दिया गया था। बावजूद इसके बांग्लादेश में आई बाढ़ के बाद इस्कॉन मंदिर ने आपदा के समय उन्हीं कट्टरपंथियों को खाना खिलाया।
  • इस दावे से जुड़े ट्वीट्स कई वेरिफाइड और नॉन वेरिफाइड यूजर्स ने सोशल मीडिया पर शेयर किए गए हैं।

पड़ताल के दौरान हमें हम लोग We The People नाम के एक्स अकाउंट से किया गया एक ट्वीट देखने को मिला। इस ट्वीट में लिखा था-इस्लामवादियों ने बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर सहित दर्जनों हिंदू मंदिरों को जला दिया। इस समय बांग्लादेश भारी बारिश के बाद बाढ़ की आपदा से जूझ रहा है। इस्कॉन मंदिर इस कठिन समय में इन इस्लामवादियों और उनके परिवारों को मुफ्त भोजन परोस रहा है। (अर्काइव ट्वीट)

देखें ट्वीट:

खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को 3600 लोग लाइक कर चुके हैं। वहीं, इसे 1900 बार रीपोस्ट किया गया। हम लोग We The People नाम के एक्स अकाउंट को 88 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

इसी दावे से जुड़ा दूसरा पोस्ट शिवम दीक्षित नाम के एक्स यूजर ने किया था। अपने ट्वीट में शिवम लिखते हैं- ये है सनातन.. जिस इस्कॉन को बांग्लादेशी कट्टरपंथी तोड़कर नष्ट करना चाहते थे। वहीं इस्कॉन आज बांग्लादेश के बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन दे रहा है। क्या कहना चाहेंगे आप..? (अर्काइव ट्वीट)

देखें ट्वीट:

एक्स बायो के अनुसार, शिवम पेशे से पत्रकार हैं और एक्स पर उन्हें 43 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

वहीं, मेघअपडेट्स नाम के एक्स अकाउंट ने ट्वीट किया – इस्कॉन बांग्लादेश के बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच भोजन बांट रहा है। (अर्काइव ट्वीट)

देखें ट्वीट:

ऐसा ही दावा कुछ अन्य यूजर्स ने भी किया है जिनके ट्वीट का अर्काइव वर्जन आप यहां देख सकते हैं।

क्या है वायरल वीडियो का सच ?

हमने वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को जब गूगल इमेज पर रिवर्स सर्च किया तो सामने आया कि यह वीडियो अभी का नहीं बल्कि साल 2022 का था।

जांच के दौरान हमें जागो हिंदू परिषद नाम का एक फेसबुक पेज मिला। बांग्लादेश से संचालित इस पेज पर हमें 20 जून 2022 की एक पोस्ट मिली। इस पोस्ट में लिखा था – ये खाना नहीं करोड़ों रुपयों का खजाना है, देखिए खाने के लिए लोग कैसे बेचैन हैं। पोस्ट देखने के लिए क्लिक करें। यह वीडियो बांग्लादेश के सिलहट का था जहां 2022 में आई बाढ़ के समय इस्कॉन ने बाढ़ प्रभावितों को खाना वितरित किया था।

देखें स्क्रीनशॉट :

पड़ताल के दौरान हमें इस्कॉन यूथ फोरम, सिलहट के आधिकारिक फेसबुक पेज पर अपलोड किया गया वीडियो भी मिला। इस वीडियो को 20 जून 2022 को अपलोड किया था। वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें।

वहीं, दूसरा वीडियो हमें एक यूट्यूब अकाउंट पर मिला जिसे 3 महीने पहले, 14 मई 2024 को अपलोड किया गया था। वीडियो की हेडलाइन थी – इस्कॉन मायापुर, महाप्रसाद।

देखें वीडियो:

स्पष्ट है कि दोनों वीडियो हाल फिलहाल के नहीं हैं। पहला वीडियो जहां बांग्लादेश में 2022 में आई बाढ़ के समय इस्कॉन द्वारा बाढ़ प्रभावितों को वितरित किए गए भोजन का था। वहीं, दूसरा वीडियो इस्कॉन मायापुर में वितरित किए जाने वाले महाप्रसाद का है। सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक एंगल से किया जा रहा दावा गलत और भ्रामक है।

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