आदित्य L1 की लॉन्चिंग का काउंटडाउन शुरू: कल सुबह 11:50 बजे PSLV XL रॉकेट से लॉन्च होगा, 4 महीने में L1 पॉइंट पर पहुंचेगा

  • Hindi News
  • National
  • Aditya L1 Mission | ISRO Solar Mission Aditya L1 Details Update PSLV XL Rocket, Launch Time

बेंगलुरु3 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

आदित्य L1 की लॉन्चिंग से पहले मिशन पर काम करने वाली टीम ने शनिवार (1 सितंबर) को तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की।

इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेश ने दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर सोलर मिशन आदित्य L1 की लॉन्चिंग का 23 घंटे 40 मिनट का काउंटडाउन शुरू कर दिया है। आदित्य L1 को कल (2 सितंबर) सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर PSLV XL रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।

30 अगस्त को इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा था कि आदित्य L1 की लॉन्चिंग की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। रॉकेट और सैटेलाइट तैयार हैं। हमने लॉन्चिंग के लिए रिहर्सल भी कर ली है।

इसरो चीफ ने बताया कि रॉकेट और सैटेलाइट तैयार हैं। लॉन्चिंग की रिहर्सल भी कर ली गई है।

इसरो चीफ ने बताया कि रॉकेट और सैटेलाइट तैयार हैं। लॉन्चिंग की रिहर्सल भी कर ली गई है।

इसरो ने भी 30 अगस्त को कहा था कि व्हीकल के इंटरनल चेक पूरे कर लिए गए हैं। ये करीब 4 महीने में पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैगरेंज पॉइंट-1 यानी L1 पॉइंट तक पहुंचेगा। आदित्य स्पेसक्राफ्ट, L1 पॉइंट के चारों ओर घूमकर सूर्य पर उठने वाले तूफानों को समझेगा। इसके अलावा मैग्नेटिक फील्ड और सोलर विंड जैसी चीजों की स्टडी करेगा। आदित्य में प्रयोग के लिए 7 पेलोड लगे हैं।

आदित्य यान L1 पॉइंट पर ही क्यों भेजा जाएगा
आदित्य को सूर्य और पृथ्वी के बीच हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। L1 पॉइंट के चारों ओर की ऑर्बिट को हेलो ऑर्बिट कहा जाता है। इसरो का कहना है कि L1 पॉइंट के आस-पास हेलो ऑर्बिट में रखा गया सैटेलाइट सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देख सकता है।

इससे रियल टाइम सोलर एक्टिविटीज और अंतरिक्ष के मौसम पर भी नजर रखी जा सकेगी। उम्मीद की जा रही है कि आदित्य L1 के पेलोड कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर एक्टिविटीज की विशेषताओं, पार्टिकल्स की मूवमेंट और स्पेस वेदर को समझने के लिए जानकारी देंगे।

L1 क्या है?
लैगरांजे पॉइंट का नाम इतालवी-फ्रेंच मैथमैटीशियन जोसेफी-लुई लैगरांजे के नाम पर रखा गया है। यह सामान्य तौर पर एल-1 के नाम से जाना जाता है। ऐसे पांच पॉइंट धरती और सूर्य के बीच हैं, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल बैलेंस हो जाता है और सेंट्रिफ्युगल फोर्स बन जाता है।

ऐसे में इस जगह पर अगर किसी ऑब्जेक्ट को रखा जाता है तो वह आसानी से दोनों के बीच स्थिर रहता है और एनर्जी भी कम लगती है। पहला लैग्रेंज पॉइंट धरती और सूर्य के बीच 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है। आम शब्दों में कहें तो एल-1 ऐसा पॉइंट है जहां पर कोई भी ऑब्जेक्ट सूर्य और धरती से बराबर दूरी पर स्थिर रह सकता है।

इसरो से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें…

मोदी चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों से मिलकर भावुक हुए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार सुबह ISRO के कमांड सेंटर में चंद्रयान-3 टीम के वैज्ञानिकों से मिले। यहां उन्होंने 3 घोषणाएं कीं। पहली- 23 अगस्त को हर साल भारत नेशनल स्पेस डे मनाएगा। दूसरा- चांद पर लैंडर जिस जगह उतरा, वह जगह शिव-शक्ति पॉइंट कहलाएगी। तीसरी- चांद पर जिस जगह चंद्रयान-2 के पद चिन्ह हैं, उस पॉइंट का नाम ‘तिरंगा’ होगा। पढ़ें पूरी खबर…

मोदी ने ISRO चीफ की पीठ थपथपाई, VIDEOS

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बेंगलुरु में चंद्रयान-3 टीम के वैज्ञानिकों से मिलने ISRO के कमांड सेंटर पहुंचे। यहां वे वैज्ञानिकों से मिले। इसरो कमांड सेंटर पर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने PM मोदी को गुलदस्ता देकर स्वागत किया। PM ने सोमनाथ को गले लगाया और पीठ थपथपाई। पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…