आज का इतिहास: 294 किलो वजनी दुनिया की पहली ऑटोमैटिक फोटोकॉपी मशीन लॉन्च हुई, एक मिनट में 7 पेज प्रिंट कर सकती थी

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6 घंटे पहले

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साल 1959। अमेरिकी टीवी चैनल्स पर एक विज्ञापन आने लगा, जिसमें एक बंदर मशीन पर बैठकर एक बटन दबाते और मशीन के अंदर से पेपर बाहर आते दिखते हैं। विज्ञापन के आखिर में लिखा आता कि इस मशीन से फोटोकॉपी करना इतना आसान है कि बंदर भी केवल एक बटन दबाकर फोटोकॉपी कर सकते हैं।

ये विज्ञापन था Xerox-914 फोटोकॉपी मशीन का, जो दुनिया की पहली ऑटोमैटिक फोटोकॉपी मशीन थी। इसे Xerox कॉर्पोरेशन ने बनाया था। आज ही के दिन 1959 में ये मशीन पहली बार दुनिया के सामने आई थी।

एक टेबल जितनी बड़ी ये मशीन एक मिनट में 7 कॉपी प्रिंट कर सकती थी। Xerox-914 को ये नाम देने की भी अपनी वजह थी। Xerox इसे बनाने वाली कंपनी का नाम था और 914 का मतलब ये मशीन 9×14 इंच के पेपर की फोटोकॉपी कर सकती थी। इसका वजन 294 किलो था।

Xerox-914 कुछ इस तरह दिखती थी।

Xerox-914 कुछ इस तरह दिखती थी।

ये मशीन इतनी चल निकली कि अगले दो साल में ही Xerox कंपनी के रेवेन्यू में भारी बढ़ोतरी हुई। बाद में कंपनी ने इस मशीन के चार और मॉडल निकाले, जो एक मिनट में 17 कॉपी प्रिंट कर सकते थे।

आज इंटरनेशनल डे फॉर द प्रिवेंशन ऑफ द ओजोन लेयर

हर साल यूनाइटेड नेशंस की ओर से 16 सितंबर को इंटरनेशनल डे फॉर द प्रिवेंशन ऑफ द ओजोन लेयर मनाया जाता है। यह इवेंट 1987 के मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की याद दिलाता है, जिसे 24 देशों ने साथ आकर बनाया था। मॉन्ट्रियल में इन देशों ने दुनिया से कहा था कि ओजोन परत को बर्बाद करना बंद करें। इसमें ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल बंद करने का वचन लिया गया था, जिससे ओजोन परत को नुकसान पहुंचता है। 19 दिसंबर 1994 को यूएन की जनरल असेंबली ने 16 सितंबर को ओजोन लेयर के बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने का फैसला किया। पहला ओजोन डे 16 सितंबर 1995 को मनाया गया था।

1920: वॉल स्ट्रीट पर बम धमाके में 38 की मौत

बात 1920 की है। न्यूयॉर्क में वॉल स्ट्रीट पर बम विस्फोट हुआ था और इसमें 38 लोग मारे गए थे। यह उस समय तक अमेरिकी धरती पर किया गया सबसे भयानक हमला था।

विस्फोट के बाद वॉल स्ट्रीट पर मलबा फैला पड़ा था। सोर्स - लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस

विस्फोट के बाद वॉल स्ट्रीट पर मलबा फैला पड़ा था। सोर्स – लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस

अब तक यह पता नहीं चल सका है कि उस बम ब्लास्ट के लिए कौन जिम्मेदार था और उसने यह हमला क्यों किया था।

1982: लेबनान में हुआ था नरसंहार

लेबनान में 1982 में राइट-विंग ग्रुप के सदस्यों ने बेरूत के रिफ्यूजी कैंप में रह रहे करीब 3000 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। यह नरसंहार सबरा और शतिला के फिलिस्तीनी रिफ्यूजी कैंपों में हुआ था।

नरसंहार के बाद जारी राहत कार्य।

नरसंहार के बाद जारी राहत कार्य।

इसमें लेबनीज क्रिश्चियन फैलान्गिस्ट मिलिशिया शामिल था। 3 दिन तक चले इस नरसंहार को मॉडर्न हिस्ट्री का सबसे खूनी नरसंहार माना जाता है।

1908: जनरल मोटर्स कॉर्पोरेशन की शुरुआत

आज हम जिस कंपनी को जीएम (GM) के ट्रेडमार्क से जानते हैं, उसकी शुरुआत आज ही के दिन 1908 में फ्लिंट, मिशिगन में विलियम सी. ड्युरंट और चार्ल्स स्टुअर्ट मॉट ने की थी।

1948 में जनरल मोटर्स की फैक्ट्री में काम करते इंजीनियर।

1948 में जनरल मोटर्स की फैक्ट्री में काम करते इंजीनियर।

यह दुनिया की सबसे बड़ी कार और ट्रक बनाने वाली कंपनियों में से एक है। कंपनी ने शेवरले, हमर जैसी कारें बनाकर दुनिया के सामने पेश की हैं।

16 सितंबर के दिन को इतिहास में और किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है…

2014ः इस्लामिक स्टेट ने सीरियाई कुर्दिश लड़ाकों के खिलाफ युद्ध छेड़ा।

2013ः वॉशिंगटन में एक बंदूकधारी ने नौसेना के शिविर में 12 लोगों की गोली मारकर हत्या की।

२००७ः वन टू गो एयरलांइस का विमान थाईलैंड में दुर्घटनाग्रस्त, 89 लोगों की मौत।

1986: दक्षिण अफ्रीका में सोने की खदान में फंसने से सैकड़ों लोगों की मौत।

1978ः जनरल जिया उल हक पाकिस्तान के राष्ट्रपति चुने गए।

1978: ईरान के तबास इलाके में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। 20 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।

१९७५ः पापुआ न्यू गिनी ने ऑस्ट्रेलिया से स्वतंत्रता हासिल की।

१९७५ः केप वर्डे, मोजाम्बिक, साओ टोमे और प्रिंसिप संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुए।

१९३२: मलेरिया मच्छरों की वजह से होता है ये बताने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक रोनाल्ड रॉस का जन्म हुआ।

१९१६: भारतीय अभिनेत्री और गायिका एम.एस. सुब्बालक्ष्मी का जन्म हुआ। उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया है।

खबरें और भी हैं…

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