असली NCP मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: कोर्ट ने अजीत पवार गुट से जवाब मांगा, कहा- पहले उद्धव गुट की याचिका पर सुनवाई करेंगे

नई दिल्ली23 मिनट पहले

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जुलाई 2023 में अजीत पवार अपने चाचा शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) तोड़कर भाजपा सरकार के गठबंधन में शामिल हो गए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (29 जुलाई) को अजीत पवार और उनके गुट के 40 विधायकों से जवाब तलब किया है। शरद पवार गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के अजीत पवार गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) घोषित करने के खिलाफ दायर की थी। इसी मामले में कोर्ट ने जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच कर रही थी।

शरद गुट की मांग जल्द सुनवाई शुरू हो

शरद गुट की ओर से पेश वरिष्ठ एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने विधानसभा का कार्यकाल कम बचे होने का तर्क देते हुए जल्द सुनवाई की मांग रखी। दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल सही साल नवंबर में खत्म हो रहा है।

इस पर बेंच ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर इसी तरह की याचिका पर सुनवाई के बाद शरद गुट की इस याचिका पर सुनवाई करेगी। बता दें, उद्धव ठाकरे गुट ने भी इसी तरह की एक याचिका दायर कर रखी है। यह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट को असली शिवसेना घोषित करने के खिलाफ है।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम नोटिस जारी करेंगे। अंत में सभी आपत्तियों पर सुनवाई की जाएगी। इसमें अन्य रिस्पॉन्डेंट्स भी को दस्ती (नोटिस देने का एक तरीका) देने की स्वतंत्रता है।

चुनाव आयोग ने माना था कि अजीत गुट ही असली NCP

चुनाव आयोग ने भी इसी साल 6 फरवरी को अजित पवार गुट को ही असली NCP माना था। साथ ही आयोग ने शरद पवार को नए राजनीतिक दल के लिए 7 फरवरी की शाम 4 बजे तक तीन नाम देने को कहा था।

चुनाव आयोग ने 6 महीने तक चली 10 सुनवाई के बाद यह फैसला दिया था। आयोग ने कहा कि विधायकों की संख्या के बहुमत ने अजित गुट को NCP का नाम और चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की।

इसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने 15 फरवरी को अजीत पवार के गुट को असली NCP की मान्यता दी थी। उन्होंने अजीत गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग भी खारिज कर दी थी।

स्पीकर ने कहा था कि संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-बदल विरोधी कानून का उपयोग आंतरिक असंतोष को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता। जब जुलाई 2023 में NCP विभाजित हुई थी तब अजीत पवार गुट के पास 53 में से 41 विधायकों का “भारी विधायी बहुमत” था।

अजित ने 5 जुलाई को कहा था- अब मैं NCP चीफ

अजित पवार 2 जुलाई 2023 को NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ​में ​​​​​शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ NCP के 40 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया।

इसके बाद अजित ने 5 जुलाई 2023 को शरद पवार को NCP राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया था। उन्होंने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था। अजित का कहना था कि मुंबई में 30 जून 2023 को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला हुआ था।

अजित पवार ने चुनाव आयोग में NCP के नाम-निशान पर अपना दावा जताते हुए 30 जून को लेटर भेजा था। वहीं, शरद गुट के नेता जयंत पाटिल ने 3 जुलाई को आयोग से अजित समेत 9 मंत्रियों सहित 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।

शरद से बगावत के बाद अजित ने 30 जून को दावा किया था कि बहुमत उनके पास है, इसलिए पार्टी पर उनका अधिकार है। आयोग में याचिका दायर करके अजित ने 9 हजार से ज्यादा दस्तावेज पेश किए थे।

NCP केवल 2 राज्यों में सीमित

सन् 2000 के तत्कालीन चुनाव परिणामों के आधार पर NCP का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा 10 अप्रैल 2023 को छिन गया था। अब यह केवल महाराष्ट्र और नगालैंड में क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता रखती है।

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