असम में बहुविवाह पर रोक लग सकती है: मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने प्रस्तावित कानून पर मांगे सुझाव, 30 अगस्त तक भेजने होंगे

गुवाहाटी4 मिनट पहले

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असम के गृह एवं राजनीतिक विभाग के प्रधान सचिव ने इसे लेकर एक नोटिस जारी किया है। उसमें बताया गया है कि लोग ईमेल और डाक के जरिए सुझाव भेज सकते हैं।

असम में एक से ज्यादा शादी करने पर बैन लगाने को लेकर कानून लाने की तैयारी की जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस मामले में लोगों से सुझाव मांगे हैं। उन्होंने सोमवार (21 अगस्त) को ट्विटर पर एक पोस्ट कर लोगों से बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्तावित कानून पर सुझाव देने की अपील की है। उन्होंने बताया कि लोग अपने सुझाव 30 अगस्त तक भेज सकते हैं।

ई-मेल और डाक के जरिए सुझाव भेज सकते हैं
गृह एवं राजनीतिक विभाग के प्रधान सचिव ने इसे लेकर एक नोटिस जारी किया है। उसमें बताया गया है कि लोग ईमेल और डाक के जरिए सुझाव भेज सकते हैं। राज्य सरकार ने इस प्रस्तावित कानून के लिए एक विशेष समिति का गठन भी किया था।

सरकार ने कहा- राज्य के पास कानून बनाने का अधिकार
नोटिस के मुताबिक, राज्य विधायिका एक से ज्यादा शादी पर बैन लगाने के लिए कानून बनाने में सक्षम है। शादी समवर्ती सूची के अंतर्गत आती है, जिससे केंद्र और राज्य दोनों इस पर कानून बना सकते हैं। नोटिस में कहा गया है कि इस्लाम के संबंध में कोर्ट ने माना है कि एक से ज्यादा पत्नियां रखना धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है।

नोटिस के मुताबिक, पत्नियों की संख्या सीमित करने वाला यह कानून धर्म का पालन करने के अधिकार में दखलंदाजी नहीं करता। यह सामाजिक कल्याण और सुधार के दायरे में आता है। इसलिए, एक शादी का समर्थन करने वाला यह कानून अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं करता।

छह अगस्त को समिति ने रिपोर्ट सौंपी थी
इससे पहले, छह अगस्त को इस कानून को लेकर असम सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी। इसके बाद सीएम ने ऐलान किया था कि इस फाइनेंशियल इयर में इस विषय पर एक कानून पेश किया जाएगा। सीएम ने दावा किया था कि समिति ने सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की है कि राज्य एक से ज्यादा शादी करने के लिए अपने स्वयं के कानून बना सकता है।

13 जुलाई को सीएम ने कहा था- इसे तुरंत बैन करना चाहता हूं
सीएम सरमा ने 13 जुलाई को कहा था कि हम राज्य में बहुविवाह पर तुरंत बैन लगाना चाहते हैं। सितंबर में होने वाले विधानसभा सत्र में इसे बैन करने का विधेयक पेश करेंगे। अगर किसी वजह से इस सत्र में बिल नहीं ला पाए तो इसे जनवरी में सदन में पेश किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…

सीएम ने लिया था बाल विवाह पर कार्रवाई का फैसला
अगर असम में बहुविवाह से जुड़ा विधेयक सदन में आता है तो राज्य सरकार का शादियों से जुड़े मामलों में यह सालभर में दूसरा बड़ा कदम होगा। इससे पहले 23 जनवरी 2023 में असम सरकार ने 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई करने का फैसला किया था।

सीएम के इस फैसले के एक महीने के भीतर असम पुलिस ने राज्य में 3000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें से ज्यादातर नाबालिग दुल्हनों के पति और उनके परिवार के पुरुष सदस्य थे।

जब इन गिरफ्तारियों का विरोध शुरू हुआ तो सीएम ने यहां तक कह दिया- आपके पास दो विकल्प है, या तो मुझे यहां से हटा दो या बाल विवाह बंद करो, तीसरा कोई विकल्प नहीं है। अपराधियों को हर छह महीने में गिरफ्तार किया जाएगा।

2026 तक बाल विवाह पर नया कानून लाने पर विचार
सीएम सरमा ने फरवरी 2023 में कहा था कि हमारा रुख स्पष्ट है, असम में बाल विवाह को रुकना चाहिए। बाल विवाह के खिलाफ हम नया कानून लाने के बारे में चर्चा कर रहे हैं। 2026 तक हम बाल विवाह के खिलाफ नए कानून लाने पर विचार कर रहे हैं, जहां जेल की अवधि दो साल से बढ़ाकर 10 साल की जाएगी।

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